कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि केस में दो साल की सजा होने के बाद उनकी सांसदी रद्द किए जाने के विरोध में बिहार महागठबंधन एकजुट हो गया है। सत्ता पक्ष के विधायकों ने सोमवार को पटना में सात मूर्ति से लेकर विधानसभा तक मार्च निकाला और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के साथ-साथ जेडीयू ने भी हिस्सा लिया। इससे पहले हुए विरोध प्रदर्शन से जेडीयू ने दूरी बनाए रखी थी।
राहुल गांधी के समर्थन में सोमवार को महागठबंधन के सभी नेताओं ने एकजुटता दिखाई दिए। महागठबंधन नेताओं ने मार्च निकालने के बाद विधानसभा पोर्टिको में भी प्रदर्शन किया। आरजेडी, जेडीयू, कांग्रेस समेत अन्य दलों के विधायकों ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने को गलत बताया। सोमवार को हुए प्रदर्शन में महागठबंधन में शामिल सभी सात दलों के नेता शामिल हुए। उन्होंने माथे पर काली पट्टी लगाकर अपना विरोध जताया। सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद वेल में भी सत्ता पक्ष के विधायकों ने हंगामा किया। हालांकि, विधानसभा स्पीकर के कहने पर सभी विधायक अपनी-अपनी सीटों पर लौट गए।
राहुल के मुद्दे पर नीतीश की चुप्पी
राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद बिहार में आरजेडी समेत अन्य दल कांग्रेस के समर्थन में है। वहीं, जेडीयू ने शुरुआत में इससे दूरी बनाए रखी। इससे पहले हुए विरोध-प्रदर्शन में जेडीयू के विधायक शामिल नहीं हुए, जबकि HAM, आरजेडी के सदस्य कांग्रेस के साथ खड़े दिखाई दिए। वहीं, इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चुप्पी भी बहुत कुछ कह रही है। सीएम नीतीश ने अभी तक राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जाने पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
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