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छह माह में चौथा दौरा, 2 अप्रैल को फिर आ रहे हैं बिहार; क्या है बीजेपी के चाणक्य अमित शाह का टारगेट?

पटना: सत्ता से बाहर निकालने के बाद बीजेपी बिहार पर गंभीरता से फोकस कर रही है। पार्टी के बड़े नेता अवसर तलाश कर बिहार को साधने आते रहते हैं। पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह बिहार पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। 2 अप्रैल को अमित शाह बिहार आ रहे हैं बीते 6 महीने में उनका यह चौथा दौरा है। मिशन 2024 सामने है। बिहार की 40 लोकसभा सीटों में अधिकतम पर कब्जा करने के लिए बीजेपी संकल्पित है। पार्टी नेताओं का दावा है कि 36 सीटों पर एनडीए विजय हासिल करेगा।  इसे देखते हुए भाजपा के बड़े नेताओं का ताबड़तोड़ दौरे बिहार में हो रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री मंत्री और बीजेपी के चाणक्य अमित शाह एक बार फिर बिहार आ रहे हैं।  आगामी 2 अप्रैल को अमित शाह सासाराम और नवादा जाएंगे।  मिशन 2024 और टारगेट 36 को ध्यान में रखते हुए जनसभा को संबोधित करेंगे।

छह माह में चौथा दौरा, 2 अप्रैल को फिर आ रहे हैं बिहार;  क्या है बीजेपी के चाणक्य अमित शाह का टारगेट?

अमित शाह के प्रस्तावित बिहार दौरे को लेकर भाजपा की तैयारी जोरों पर है। पूर्णिया पश्चिम चंपारण और सिताबदियारा की तर्ज पर शाह की जनसभा को अधिकतम भागीदारी से सफल बनाने में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है।  अमित शाह ने मिशन बिहार की शुरुआत सीमांचल के पूर्णिया से की थी। पिछले वर्ष 2022 में 23 सितंबर को अमित शाह ने पूर्णिया के रंगभूमि मैदान में पहली जनसभा को संबोधित किया था।  यहां से सीमांचल के 4 जिले अररिया, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया में भाजपा का संदेश पहुंचाने और जनता को साधना शाह का  मकसद था। मुस्लिम बहुल इलाके में 23 और 24 सितंबर को 2 दिनों तक अमित शाह ने समय दिया।  इस दौरान पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं से  मिलकर जीत का मंत्र दिया।  यहीं से अमित शाह ने केंद्र के साथ-साथ बिहार की सत्ता में वापसी का अभियान शुरू की।

लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर 11 अक्टूबर 2022 को अमित शाह बिहार और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाके को केंद्रित  किया।  जयप्रकाश के गांव सिताबदियारा पहुंचकर अमित शाह ने जेपी शिष्य  नीतीश कुमार और लालू यादव दोनों पर जमकर निशाना साधा।  अमित शाह 25 फरवरी 2023 को महात्मा गांधी की कर्मस्थली पश्चिमी चंपारण के बाल्मीकि नगर पहुंचे।  बागहा हाई स्कूल के मैदान से उन्होंने बीजेपी के टारगेट बिहार और मिशन 2024 का शंखनाद किया।  बाल्मीकि नगर की धरती से अमित शाह ने नीतीश कुमार के लिए NDA में वापसी के रास्ते बंद कर दिए।  उसी दिन हमेशा पटना में सहजानंद सरस्वती की जयंती के अवसर पर आयोजित किसान समागम में  भी भाग लिया। इस आयोजन में अमित शाह ने बिहार के सवर्ण वोटरों को साधने की कोशिश की।

 

इस बार अमित शाह सम्राट अशोक की जयंती पर बिहार आ रहे हैं।  सासाराम और नवादा में उनके रैली होगी।  जदयू से अलग हुए, राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा समेत पूरे कुशवाहा समाज को नीतीश के विरोध और अपने पक्ष में लाने की  कोशिश अमित शाह करेंगे।  सम्राट अशोक कुशवाहा समाज से आते हैं। उपेंद्र कुशवाहा सम्राट अशोक को आदर्श मानते हैं।

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