पटना: हाल ही में बिहार के डीजीपी आरएस भट्टी ने अपने पुलिसकर्मियों को कहा था कि वे अपरा’धियों को दौड़ाएं, नहीं तो वे उन्हें दौड़ाएंगे। लेकिन पटना में दारोगा को बद’माशों ने दौड़ा लिया। दरअसल दीघा थाना इलाके के जहाज गली में वारंटी उपेन्द्र राय के घर का सत्यापन करने पहुंचे दारोगा राघवेंद्र नारायण सिंह को उसके परिजनों ने दौड़ा-दौड़ा कर पी’टा। इसमें वह गं’भीर रुप से ज’ख्मी हो गए। उनका चश्मा और मोबाइल तो’ड़ दिया गया। दारोगा से बाइक की चाबी छीनने का प्रयास भी किया गया।
इस दौरान स्थानीय लोग वहां मौजूद थे पर किसी ने उन्हें बचाने का प्रयास तक नहीं किया। किसी तरह दारोगा जान बचाकर वहां से निकले और निजी अस्पताल में जाकर अपना इलाज कराया। उसके बाद उन्होंने दीघा थानेदार राजकुमार पांडेय को घ’टना की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस फोर्स पहुंची और उपेन्द्र के पिता लल्लू राय को हिरासत में लिया। घ’टना को लेकर पूछताछ की जा रही है।
वारंटी उपेंद्र के बारे में पूछते ही टूट पड़े लोग
दीघा थाना में तैनात अवर निरीक्षक राघवेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि कोर्ट से रामजीचक निवासी लल्लू राय के बेटे उपेंद्र राय के विरुद्ध काफी पुराने मामले में वारंट निकला है। उसके पते का सत्यापन करने के लिए शाम करीब साढ़े छह बजे जहाज घाट गली में गए। मुहल्ले के एक व्यक्ति से जानकारी लेने के बाद लल्लू राय के घर पहुंचे।
दारोगा ने परिजनों से पूछा कि उपेंद्र राय कहां रहते हैं ? इतना सुनते ही सात-आठ लोग एकाएक उनपर टूट पड़े और लात-घूसों से पी’टने लगे। उनकी बाइक छीनने की कोशिश की गई तो वे किसी तरह वहां से भाग निकले। उन्होंने बताया कि मा’रपीट करने वाली भीड़ का नेतृत्व विनोद पाल का बेटा बिट्टू कर रहा था। वह कई मामलों में पहले भी जेल जा चुका है।
महिलाओं को बनाया ढाल- एसएसपी
एसएसपी डॉ. मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि दारोगा की पि’टाई करनेवालों ने महिलाओं को ढाल बना लिया था। इसके वजह से दारोगा बल का उपयोग नहीं कर सके और उन्हें भागना पड़ा। घ’टना के बाद थाने से महिला पुलिस को भी वहां भेजा गया, लेकिन भाग गए थे। आरो’पितों को गिर’फ्तार करने का प्रयास हो रहा है। वारंटी भी फरार है।
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