आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने ऐलान किया है कि पार्टी के नीतिगत और बड़े मामलों में अब सिर्फ तेजस्वी यादव नहीं बोलेंगे। दिल्ली में आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए लालू यादव ने कहा कि किसी के मुंह से कुछ निकल जाएगा तो गड़बड़ हो जाएगा। इसलिए मीटिंग करके फैसला कर दिया है कोई भी बात तेजस्वी यादव ही बोलेंगे। सब लोग नहीं बोलेगा।
पार्टी कार्यकर्ताओं को एकता का पाठ पढ़ाते हुए लालू यादव ने कहा कि सभी संगठित रहिए और एकजुट होकर विपक्षी से लड़ते रहिए। कहीं इधर-उधर झांकने की जरूरत नहीं है। कुछ बोलने से पहले संभल कर बोलना चाहिए। इसलिए नीतिगत मामलों में जो भी समस्या हो उससे संबंधित बयान केवल तेजस्वी यादव ही देंगे।
दरअसल लालू यादव बेटे तेजस्वी को फुल पावर देना चाहते हैं। इसके साथ ही लालू नीतीश कुमार से अपनी दोस्ती किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहते। इन दोनों ही मकसद को ध्यान में रखते हुए लालू प्रसाद ने पार्टी में इस नई व्यवस्था का ऐलान किया। पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लालू यादव ने कहा कि हमें हर हाल में नीतीश कुमार के साथ रहना है। हमारी विचारधारा एक है। लालू यादव ने साफ किया की पार्टी के सभी नेताओं के बोलने की वजह से गड़बड़ हो जाता है। पूर्व में एक साथ सरकार में रहते हुए भी नेताओं के बयानबाजी की वजह से आरजेडी और जेडीयू के बीच असहज स्थिति बनती रही है। लालू ने डैमेज कंट्रोल करने के लिए पार्टी की कमान तेजस्वी के हाथ में अपने का फैसला किया है।
बड़े बेटे तेज प्रताप के बदले छोटे तेजस्वी यादव को पार्टी की कमान सौंपने के पीछे बड़ी वजह यह बताई जा रही है कि 2020 का चुनाव पार्टी तेजस्वी के चेहरे पर लड़ा। तेजस्वी ने अपनी क्षमता साबित कर दी। पार्टी ने तेजस्वी के नेतृत्व में अच्छा परफॉर्म किया।
दूसरी ओर नीतीश कुमार के साथ रहना राजद की मजबूरी भी है। सत्ता में बने रहने का एकमात्र रास्ता यही है। लालू यादव इसे टूटते हुए देखना नहीं चाहते। इन्हीं वजहों से तेजस्वी यादव कमान देने का ऐलान किया है।
Be First to Comment