मुजफ्फरपुर: पति की लंबी उम्र के लिए हरितालिका तीज व्रत करना सुहागिनों की परंपरा रही है. यह व्रत पौराणिक काल से होता आ रहा है. महिलाएं भले ही शारीरिक कष्ट में रहें, लेकिन वे यह व्रत नहीं छोड़तीं. उपवास व पूजन कर वे न केवल पति की लंबी उम्र की मन्नत मांगती हैं, बल्कि पूरे परिवार की सुरक्षा और सुख-समृद्धि की कामना भी करती हैं.
पति के साथ परिवार के सभी सदस्यों की खुशहाली की कामना का यह व्रत महिलाओं की निष्ठा व समर्पण का नायाब उदाहरण है. इस बार भी कई महिलाएं पहली बार तीज कर रही हैं. व्रत को लेकर ये काफी उत्साहित हैं. विधि-विधान के साथ यह व्रत रखेंगी और पूजन के साथ तीज की कथा सुनकर भगवान शिव व पावती को अपनी भक्तिनिवेदित करेंगी.
हरतालिका तीज व्रत पूजन सामग्री- सुहाग का पिटारा तैयार करने के लिए सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, काजल। इसके अलावा तुलसी, केला का पत्ता, आंक का फूल, मंजरी, शमी पत्र, जनैऊ, वस्त्र, फूल, अबीर, वस्त्र, फल, कुमकुम, चंदन, घी-तेल, दीपक, नारियल, माता की चुनरी, लकड़ी का पाटा, पीला कपड़ा, सुहाग पिटारा और तुलसी आदि।
दान करने के लिए सामग्री- हरतालिका तीज व्रत में सुहाग का सामान चढ़ाया जाता है। जिसमें बिछिया, पायल, कुमकुम, मेहंदी, सिंदूर, चूड़ी, माहौर, कलश, घी-तेल, दीपक, कंघी, कुमकुम और अबीर आदि शामिल है।
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