पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग राज्य में हरित आवरण बढ़ाने के लिए एक अच्छी योजना लाया है। इसका मकसद कृषि वानिकी (अन्य प्रजाति) योजना से किसानों को जोड़कर उनकी आमदनी बढ़ाना भी है। योजना के तहत किसानों को प्रति पौधा 10 रुपए की सुरक्षित राशि पर दी जाएगी। यह राशि तीन वर्षों के लिए होगी। इस सुरक्षित जमा राशि को तीन साल बाद उनको वापस कर दिया जाएगा।
यही नहीं, योजना में यह भी प्रावधान है कि जो पौधे किसान लेते हैं, उनकी देखभाल वे करते हैं और तीन साल बाद यदि उनमें से 50 फीसदी से अधिक बच जाते हैं तो प्रति पौधा उनको 60 रुपए अलग से दिए जाएंगे। इस योजना के लिए बाकायदा आवेदन का प्रपत्र जारी किया गया है। इसमें उनको वन प्रमंडल, वन प्रक्षेत्र, जिला, प्रखंड और अपना नाम-पता, मोबाइल नंबर भरकर देना होगा।
इसके अलावा जमीन का भी खाता, खसरा, रकबा, रसीद नंबर आदि का ब्योरा देना होगा। किसान समूह में भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। उनको यह भी बताना होगा कि वे फॉर्म या कृषि वानिकी करना चाहते हैं और किस प्रजाति और कितनी संख्या में पौधा लगाने के लिए इच्छुक हैं। पूरा फॉर्म भरकर अंतिम तारीख 30 जून तक आवेदन कर सकते हैं।
किसान इस योजना के तहत सुरक्षित जमा राशि संबंधित वन प्रमंडल पदाधिकारी से संपर्क कर जमा कर सकते हैं। यह राशि सावधि जमा या एनएससी के माध्यम से जिसकी वैधता 30 जून तक हो या नकद राशि भी जमा करा सकते हैं। आवेदन वे मेल भी कर सकते हैं। इसका ई-मेल पता: hariyalimission@gmail.com है।
जलवायु परिवर्तन पर आधारित राष्ट्रीय कार्य योजना के लिए संचालित 8 मिशन में से एक है, जिसमें पर्यावरण को सुरक्षित रखने हेतु लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। जागरूकता लाने में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत के प्राकृतिक सौंदर्य और स्वास्थ्य के प्रति तारतम्यता बनाने में जुटा है। हरित भारत राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत जलवायु परिवर्तन से मुकाबला ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत तथा वन व वन्य जीवों की सुरक्षा का उद्देश्य सम्मिलित है। हरित भारत अभियान के अंतर्गत 6 लाख हेक्टेटर वनीकरण का लक्ष्य है। इसके अंतर्गत देश के 33 क्षेत्रों को वन और पेड़ों से आच्छादित करना है।
वर्ष 2012 में बिहार में हरियाली मिशन शुरू किया गया और 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया, जिनमें लगभग 22 करोड़ पौधे लगाए गए। इससे अब राज्य का हरित आवरण 15 से अधिक हो चुका है। अब इसे 17 से अधिक करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए तेजी से पौधरोपण कराना होगा। साल 2021 में भारत का कुल वन आवरण बढ़कर 7.138 करोड़ हेक्टेयर हो गया, जो देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 22 प्रतिशत है।
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