दिल्ली में मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास एक चार मंजिला व्यावसायिक इमारत में भी’षण आ’ग लगी उस वक्त वहां पर एक कमरे के मीटिंग चल रही थी, जिसमें करीब 50 लोग शामिल थे। मीटिंग के दौरान कमरे का दरवाजा बंद होने के कारण लोग अंदर फं’स गए थे। इस अग्नि’कांड में अब तक 27 लोगों की मौ’त हो चुकी है।
जानकारी के अनुसार, एक दमकल अधिकारी ने बताया कि मुंडका मेट्रो स्टेशन के पास लगी आ’ग के घट’नास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन अब ख’त्म हो गया है। उन्होंने दावा किया कि मर’ने वालों की संख्या 30 हो सकती है। आ’ग की घ’टना में म’रने वालों की संख्या आधिकारिक तौर पर 27 हो गई है जबकि 25 श’वों की पहचान की जानी बाकी है।
शनिवार सुबह सर्च ऑपरेशन के दौरान दमकल अधिकारियों ने कुछ अवशेष बरा’मद किए, जिससे मृ’तकों का आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। इस बीच, आ’ग की घटना में इमारत से ला’पता लोगों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है, जिनमें 24 महिलाएं और 5 पुरुष थे।
घट’नास्थल पर मौजूद एक अधिकारी ने कहा कि सुबह हमें कुछ और अवशेष मिले हैं, ऐसा लगता है कि 2-3 लोगों के श’व हैं। म’रने वालों की संख्या 30 तक पहुंच सकती है। इमारत में रखी प्लास्टिक सामग्री के कारण आ’ग तेजी से फैल गई थी। उन्होंने कहा कि आ’ग लगने से पहले वहां 50 लोगों की मीटिंग चल रही थी और दरवाजा बंद होने के कारण लोग अंदर ही फंस गए थे। रेस्क्यू का काम खत्म हो गया है और हम इसे बंद कर रहे हैं।
इससे पहले आज वेस्ट दिल्ली की डीएम कीर्ति गर्ग ने एडीएम धर्मेंद्र कुमार के साथ घट’नास्थल का दौरा किया। एडीएम ने कहा कि मामूली चोटों वाले लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है, जबकि सात अज्ञात श’वों को अस्पताल लाया गया। लगभग 80 लोग इमारत में काम कर रहे थे। हमारी प्राथमिकता बचाव अभियान को पूरा करना है।
आ’ग में घा’यल हुई एक महिला ने बताया कि हम सब एक मीटिंग में बैठे थे। अचानक बिजली चली गई तो किसी ने कहा कि धुएं का गुबार उठ रहा है। इसके बाद वहां अफ’रा-तफरी मच गई, खिड़कियां टूट गईं और लोगों ने नीचे उतरने के लिए हम पर रस्सियां फेंकी।
हमें पता ही नहीं चला कब आ’ग लग गई। बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था। केवल एक ही एक्जिट था, जहां आ’ग लग चुकी थी। हम तीसरी मंजिल पर थे। वहां 250-300 लोग और थे।
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