कूड़ा कचरा बीनने और झुग्गी-झोपड़ी वाले लोगों के राशनकार्ड बनाने का काम शुरू हो गया है। खाद्य़ एवं रसद विभाग ने उचित दर विक्रेताओं को लोगों का डाटा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही जिला स्तरीय अफसर भी ऐसे लोगों को चिह्नित कर रहे हैं। इससे जांच पड़ताल के बाद समय से इन वंचित लोगों को राशनकार्ड मुहैया कराया जा सके।
जिला आपूर्ति अधिकारी ने बताया कि कोरोना काल के बाद से प्रदेश व केंद्र सरकार महीने में अलग- अलग दो बार राशन वितरण कर रही हैं। प्रदेश सरकार की तरफ से राशन वितरण में नमक, चना व रिफाइंड भी मिल रही है। अभी तक आधार कार्ड और सालाना आय के आधार पर राशन कार्ड जारी होते थे। पिछले दिनों सरकार ने कूड़ा कचरा बीनने वाले और बेघर लोगों के लिए भी आधार कार्ड मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। जिले में निवास करने वाले भारत के ऐसे नागरिक जिनके पास अपना कोई आवास नहीं है और आश्रयहीन जीवन व्यतीत कर रहे हैं, ऐसे लोग खाद्यान्न वितरण की महत्वपूर्ण योजना से वंचित हो जाते हैं।
इसके लिए संबंधित व्यक्तियों व पात्र परिवारों के आधार कार्ड बनाए व निर्गत किए जाने के लिए मान्य दस्तावेजों के साथ-साथ यूआइडीएआइ द्वारा निर्धारित प्रारूप पर निर्गत फोटोयुक्त प्रमाण पत्र भी पहचान पत्र के रूप में मान्य होंगे। उन्होंने बताया कि बेघर और कचरा बीनने वाले लोगों के फोटो के आधार पर राशन कार्ड बनाने के निर्देश मिले हैं। टीमें बनाकर तहसील स्तर पर ऐसे लोगों को तलाश कर राशन कार्ड बनाने का काम शुरू हो गया है। इसके साथ ही जिला स्तर से भी सर्वे चल रहा है।
जिले में प्रदेश सरकार की तरफ से मुफ्त राशन वितरण जा रही है। इसके गेहूं चावल के साथ ही नमक, चना व रिफाइंड भी मिल रही है। प्रशासन की तरफ से इसको लेकर आदेश जारी कर दिया गया है। हालांकि, कुछ ब्लाकों में चना नहीं मिल रहा है। शासन स्तर से इसका आदेश नहीं आया है।
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