पीएम नरेंद्र मोदी यूरोप के अपने दौरे अगले पड़ाव पर डेनमार्क पहुंच गए हैं। मंगलवार को डेनमार्क पहुंचने पर उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की और फिर प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन से बात की। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी डेनमार्क राष्ट्रपति के साथ टहलते हुए बात करते नजर आए।
वह यहां इंडिया-नोर्डिक समिट में हिस्सा लेने वाले हैं, जिसमें स्वीडन, फिनलैंड और नॉर्वे के नेताओं से भी वह मुलाकात करेंगे। जर्मनी से कोपेनहेगन पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी का एयरपोर्ट पर ही डेनमार्क की पीएम ने स्वागत किया। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अरिंदम बागची ने कहा कि इस डेनमार्क की ओर से प्रोटोकॉल तोड़कर पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत किया गया।
पीएम नरेंद्र मोदी का यह पहला डेनमार्क दौरा है, इस दौरान वह द्विपक्षीय संबंधों को लेकर बात करेंगे। इसके अलावा नोर्डिक देशों से भारत के संबंधों को मजबूती देने पर भी चर्चा होगी। पीएम नरेंद्र मोदी ने दौरे पर जाने से पहले कहा था कि डेनमार्क के साथ ग्रीन स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा 5 साल के ऐक्शन प्लान पर भी चर्चा होगी, जिसकी शुरुआत बीते साल अक्टूबर में डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिकसेन के भारत दौरे के साथ हुई थी। पीएम नरेंद्र मोदी डेनमार्क की विजिट के दौरान क्वीन मार्गरेथ से भी मुलाकात करेंगे। यही नहीं भारतीय समुदाय के लोगों से भी वह बात करेंगे।
बीते कुछ सालों में भारत और डेनमार्क के बीच कारोबारी संबंध गहरे हुए हैं। डेनमार्क की 200 कंपनियां भारत में ऐक्टिव हैं, जो मेक इन इंडिया, जल जीवन मिशन, डिजिटल इंडिया और अन्य कार्यक्रमों में काम कर रही हैं। इसके अलावा भारत की 60 कंपनियां डेनमार्क में काम कर रही हैं, इनमें आईटी फर्म्स प्रमुख हैं। डेनमार्क में भारत के करीब 16,000 लोग बसे हुए हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच पीएम नरेंद्र मोदी का यह यूरोप दौरा अहम है। खासतौर पर स्वीडन और फिनलैड जैसे देश नाटो की सदस्यता लेने की तैयारी में हैं।
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