बिहार में शरा’बबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए सरकार ने कई तरह के कानून बनाए हैं। रोज नए उपाय भी किए जा रहे हैं। इस कड़ी में मद्य नि’षेध विभाग ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया था। कहा गया था कि इन हेल्पलाइन नंबरों पर 365 दिन और 24 घंटे कोई भी व्यक्ति श’राब से संबंधित किसी भी तरह की सूचना दे सकता है। शुरू के दिनों में तो प्रशासन और आमलोगों को भी लगा कि यह मुहिम रंग लाएगी।
कुछ दिनों तक इसका खासा असर भी देखा गया। शरा’बियों, शरा’ब त’स्करों और श’राब की खे’प पक’ड़ने में सफलता भी मिली लेकिन अब यही हेल्पलाइन नंबर खासकर पुलिस के लिए गले की फांस बनता जा रहा है। पुलिस की मानें तो हेल्पलाइन के जरिए उन्हें मिलने वाली सूचनाओं में 70 से 80 फीसदी शिका’यतें और सूचनाएं गलत निकल रही हैं।
ऐसे कई उदाहरण हैं जब एक ही जगह और एक ही व्यक्ति के घर पुलिस कई-कई बार गई लेकिन हर बार खाली हाथ ही लौटी। हालांकि उत्पाद विभाग का अनुभव पुलिस से थोड़ा इतर है। उत्पाद अधीक्षक लाला अजय कुमार सुमन बताते हैं कि ऐसी सूचनाओं में 20 से 25 फीसदी तक सूचनाएं ही गलत निकलती है। सूचना के बाद संबंधित स्थल पर पहुंचने में समय लग जाता है जिसकी वजह से वहां कुछ नहीं मिलता है।
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