Press "Enter" to skip to content

कोरोना वायरस: मुंडेश्वरी मंदिर में दर्शन पर लगी रोक, सैकड़ों वर्षों में मां के दर्शन पर नहीं लगी थी रोक

कैमूर. बिहार के भभुआ में सैकड़ों वर्ष पुराने कालखंड में कभी मां मुंडेश्वरी भवानी के दर्शन पर रोक लगी हो, ऐसा फिलहाल जिले में बताने वाला कोई नहीं है. भक्तों और पुराने लोगों के अनुसार कभी भी खासकर नवरात्र के पुण्य काल में मां के दर्शन पर रोक लगी है, उनकी जानकारी से परे है. बहरहाल इस बार कोरोना वायरस से बचाव को लेकर पुरातत्व विभाग द्वारा मुंडेश्वरी मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर सप्तमी तक रोक लगा दी गयी है. ऐसे में प्रथम शैलपुत्री से लेकर सप्तमी के मां के काल स्वरूप कालरात्रि का दर्शन भक्तों को नहीं मिल पायेगा. अगर श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश पर लगी यह रोक सप्तमी के बाद आगे भी बढ़ा दी जाती है, तो श्रद्धालु मां के महागौरी तथा सिद्धि दात्री स्वरूप सहित नव दुर्गा के नौ स्वरूपों का दर्शन करने से वंचित हो जायेंगे.

नवरात्र में माता के दर्शन के लिए भक्तों का उमड़ता है सैलाब

चैत और शारदीय नवरात्र में बिहार ही नहीं बल्कि यूपी, मध्यप्रदेश, झारखंड, बंगाल, छत्तिसगढ़ आदि विभिन्न राज्यों से लंबा सफर तय कर महिला और पुरुष श्रद्धालु मां के दर्शन के लिये कैमूर पहुंचते हैं. परंतु इस बार आने वाले नवरात्र में इन्हें मां के दर्शन का सौभाग्य नहीं मिल पायेगा. नवरात्र भर मां के चरणों का भार वहन कि ये जिले की यह पवरा पहाड़ी शेरोवाली के उद्घोष से गुंजायमान रहता है. यही नहीं पूरी पवरा पहाड़ी नवरात्र में मेले में तब्दील हो जाती है. चारों तरफ यज्ञशाला से उठते वेद मंत्रों की ध्वनि और हवन से उठने वाली सुगंधित सुरभि से मानो पूरा वातावरण पवित्र महसूस होने लगता है.

धार्मिक न्यास परिषद मुंडेश्वरी के 67 वर्षीय सदस्य वाल्मीकि पांडेय का कहना है कि अब तक किसी भी नवरात्र में मुंडेश्वरी मंदिर में श्रद्धालुओं के पहुंचने पर रोक नहीं लगायी गयी थी. हालांकि जिस तरह कोरोना वायरस का माहौल बना है, उसे देखते हुए मुंडेश्वरी धाम में श्रद्धालुओं के आने पर लगी रोक उचित ही दिखाई देती है. वही मां भवानी मंदिर जाने वाले रास्ते पर मंदिर से मात्र तीन किलोमीटर दूर पथ पर स्थित दैतरा बाबा के स्थल के पुजारी रामाशंकर का कहनाहै कि मां से भक्तों का प्रेम कोई छीन नहीं सकता है. मां का दर्शन तो मन की आंखों से ही भक्त पा जाते हैं. उन्होंने कहा कि मेरी उम्र 55 साल हो गया है, अपने उम्र में मैंने पहली बार मंदिर में दर्शन पर रोक लगने की खबर सुनी है.

Source: Prabhat Khabar

Share This Article
More from BIHARMore posts in BIHAR »
More from BREAKING NEWSMore posts in BREAKING NEWS »
More from KAIMOORMore posts in KAIMOOR »
More from STATEMore posts in STATE »

Be First to Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *