जातिगत जनगणना कराने के लिए बिहार की सियासत लगातार गर्म है। सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, सभी नेता जातीय जनगणना के पक्ष में दिख रहे हैं। इसी कारण सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 11 सदस्य टीम ने पीएम मोदी से मुलाकात कर जातीय जनगणना कराने की मांग की है।
इसके बाद बिहार की सियासत भी लगातार गर्म होती हुई दिख रही है। अब इस मामले को लेकर तेजस्वी यादव और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बीच जुबानी जंग शुरू हो गयी है। दोनों एक-दूसरे के खिलाफ बोलने से नहीं चूक रहे हैं।
जीतन राम मांझी ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा था कि तेजस्वी राजनीतिक स्टैंड ले रहे हैं। अब इस पर तेजस्वी भी कहां चुप रहने वाले हैं। लगे हाथ उन्होंने भी बयान दे डाला। अब ऐसे में यह मामला यू हीं शांत नहीं होने वाला है।
जीतन राम मांझी के बयान को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा यह राजनीति की लड़ाई नहीं बल्कि एक विचारधारा की लड़ाई है। देश के दबे कुचले लोगों को अग्रिम पंक्ति में खड़ा करने की लड़ाई है।
उन्होंने कहा कि यह मुद्दा उठा है। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को स्टैंड लेना ही होगा। इशारों इशारों में तेजस्वी यादव ने जीतन राम मांझी पर निशाना साधते हुए कहा कि जातिगत जनगणना को लेकर जिन्हें बैठना है वह बैठ जाएं, जिन्हें लड़ाई लड़नी है, वह लड़ाई लड़ेंगे।
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