बिहार के शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में शिक्षक और अभिभावकों के बीच सीधा संवाद स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. राज्य भर के सभी प्राथमिक, मध्य, उच्च एवं उच्चतर विद्यालयों में एक विशेष पेरेंट्स टीचर मीटिंग आयोजित की जाएगी. इसका उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में अभिभावकों की भूमिका को सशक्त बनाना है.

इस मीटिंग का मुख्य विषय ‘पढ़ेंगे, बढ़ेंगे और सीखेंगे हम’ रखा गया है. इसके माध्यम से स्कूल और परिवार के बीच शैक्षणिक संवाद को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है. निजी स्कूलों की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में भी इस तरह के संवाद होंगे, जहां छात्रों की पढ़ाई, होमवर्क, अनुशासन, स्कूल का वातावरण और पुस्तक वितरण जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा होगी.


शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अभिभावकों को गर्मी की छुट्टियों के दौरान बच्चों के अध्ययन को सुचारु बनाए रखने के उपायों से अवगत कराएं. खासकर छात्रों को अप्रैल से मई तक पढ़ाए गए पाठ्यक्रम और अभ्यास पुस्तिकाओं का दोहराव कराने की बात कही गई है.


इसके लिए अभिभावकों को घर पर एक ‘स्टडी कॉर्नर’ बनाने की सलाह दी गई है. इस कोने में बच्चों के बैठने की व्यवस्था, पढ़ाई से जुड़ी सामग्री और एक रुटीन चिपकाकर अध्ययन का वातावरण तैयार किया जाएगा.


एससीईआरटी द्वारा निर्धारित होमवर्क को ई-शिक्षाकोष पर अपलोड किया गया है, जिसे शिक्षक अभिभावकों को डाउनलोड कर उपलब्ध कराएंगे. साथ ही छात्र डायरी, टीएलएम किट, अभ्यास पुस्तिका और पाठ्यपुस्तकों के रखरखाव की जानकारी भी दी जाएगी.


शिक्षकों को यह भी बताया गया है कि पाठ्यपुस्तकों के मुख पृष्ठ और पिछले पन्नों पर लिखी गई यातायात नियम, स्वच्छता, नागरिक बोध जैसे सामाजिक संदेशों को बच्चों के साथ छुट्टियों में साझा करें.


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