आय से अधिक संपत्ति मामले में बेऊर जेल के अधीक्षक विधु कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय केंद्रीय कारा बक्सर रहेगा जहां उन्हें रिपोर्ट करनी होगी। इस दौरान उन पर विभागीय कार्यवाही अलग से की जाएगी। निलंबन के दौरान उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। इसे लेकर कारा एवं सुधार सेवाएं निरीक्षणालय गृह विभाग (कारा) बिहार सरकार ने संकल्प जारी किया है।बता दें कि बेऊर जेल के अधीक्षक विधु कुमार के खिलाफ 4 जनवरी 2025 को 8 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। EOU की विशेष टीम ने शनिवार को पटना में 6 और मोतिहारी में 2 ठिकानों पर एक साथ की छापेमारी की थी। आय से अधिक संपत्ति DA मामले में यह कार्रवाई की गयी थी। जेल अधीक्षक बिधु कुमार के बेऊर जेल स्थित कार्यालय और आवास के अलावे गोला रोड के पास मौजूद निजी आवास, बिहटा के पास विशनपुरा स्थित पैतृक घर के अलावे मोतिहारी और रक्सौल में एक-एक ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी। इस दौरान उनके ठिकानों से बड़ी संख्या में जमीन जायदाद के निवेश से लेकर अन्य कई तरह के कागजात बरामद हुआ था। जब्त किये गये कागजातों की जांच की गई थी। बता दें कि विधु कुमार बेऊर जेल से पहले कटिहार,पूर्णिया,मधुबनी जेलों के भी अधीक्षक रह चुके हैं। विधु कुमार पर पद का दुरुपयोग कर अवैध कमाई करने के साक्ष्य मिले हैं। अब तक की जांच में यह बात भी बात सामने आई है कि मोतिहारी के एक बिल्डर नीरज कुमार सिंह की कंपनी श्रीकलश आवास डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मंडल में विधु कुमार की दूसरी पत्नी निदेशक हैं। वह सितंबर 2023 में कंपनी की निदेशक बनी थी इनके माध्यम से काराधीक्षक की काली कमाई के बड़े हिस्से का निवेश किया गया।
इसकी बदौलत ही नीरज और उसकी कंपनी का लेनदेन कुछ ही वर्षों में करोड़ों रुपये का हो गया। EOU की टीम जब मोतिहारी स्थित नीरज के ठिकाने पर छापेमारी करने पहुंची थी तब वह पहले ही फरार हो चुका था। इसके अलावे रक्सौल में विधु कुमार के सीए कमल मसकरा के ठिकाने पर भी की गई छापेमारी छापेमारी के दौरान CA की भी एक कंपनी का पता चला था जिसमें उसके निवेश की जानकारी मिली थी।
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