बिहार के सरकारी स्कूलों में अब किसी तरह का फर्जीवाड़ा नहीं चलेगा। बच्चों की उपस्थिति कम होने के बावजूद उपस्थिति अधिक दिखाने वाले स्कूलों की अब खैर नहीं है। शिक्षा विभाग ने अब ऐसे तैयारी कर दी है कि अटेंडेंस में किसी तरह की चालाकी काम नहीं आएगी। ऐसे में अटेंडेंस में फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षक और स्कूल सचेत हो जाएं।
दरअसल, बिहार के शिक्षा विभाग ने स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एक नया डिजिटल सिस्टम लागू करने की तैयारी कर ली है। इस सिस्टम के तहत, शिक्षकों को टैबलेट पर बच्चों की हाजिरी दर्ज करनी होगी। कक्षा में उपस्थित प्रत्येक बच्चे की तस्वीर भी अपलोड करनी होगी।
एक सॉफ्टवेयर इस तस्वीर और दर्ज की गई हाजिरी का मिलान करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जो बच्चे कक्षा में उपस्थित थे, उनकी हाजिरी भी दर्ज की गई है। अगर कोई शिक्षक हाजिरी में हेरफेर करने की कोशिश करता है, तो सॉफ्टवेयर इसे तुरंत पता लगा लेगा।
इस सिस्टम के लागू होने से स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति में सुधार होने की उम्मीद है। अब तक, कई स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम होने के बावजूद भी हाजिरी ज्यादा दिखाई जाती थी, लेकिन इस नए सिस्टम से यह संभव नहीं होगा। राज्यभर के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को इस सिस्टम का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। जनवरी 2025 से प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होने की उम्मीद है और मार्च तक इस सिस्टम को पूरी तरह से लागू करने की योजना है। इस सिस्टम के माध्यम से, शिक्षा विभाग स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति पर बेहतर नजर रख पाएगा और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए आवश्यक कदम उठा सकेगा।
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