पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति अब नई पहल करने जा रही है। बोर्ड के तरफ से फर्जीवाड़ा रोकने के लिए एआई तकनीक का उपयोग करने जा रही है। यह व्यवस्था लागू करने वाला बिहार पहला बोर्ड होगा। इस बात की जानकारी खुद बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने दी है। इसके साथ ही उन्होंने इसको लेकर सभी जानकारी दी है।
दरअसल, बीएसईबी अपने सभी प्रक्रियाओं को तकनीकी रूप से और भी मजबूत करने जा रहा है बोर्ड अब अपनी सभी प्रक्रियाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ( AI) और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करेगी। बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि अगले साल से व्यवस्था को लागू किया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग व्यवस्था लागू होने के बाद गलत तरीके से नाम जन्मतिथि को बढ़ाकर पंजीयन करवाने वाले लोगों पर नकेल कसी जा सकेगी।
एआई – एमएल की मदद से ऐसा करने वाले विद्यार्थी पकड़ में आ जाएंगे। आनंद किशोर ने कहा कि विद्यार्थी पंजीयन के समय जो नाम डालते हैं वह सही करने पर बदल जाते हैं और धांधली की जाती है। लेकिन, अब ऐसे मामले पकड़ में आएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार बोर्ड व्यवस्था को लागू करने वाला पहला परीक्षा बोर्ड होगा।
इधर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की सभी प्रक्रियाएं आईएसओ प्रमाणित होगी बिहार बोर्ड की सभी परीक्षाएं प्रक्रियाओं को अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन का प्रमाण मिलेगा। उसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी है बिहार बोर्ड के सिस्टम का अपग्रेड करके सारा काम होगा। इसको लेकर निविदा के माध्यम से एजेंसी का चयन किया गया है।
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