बिहार में जमीन सर्वे की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए राज्य सरकार नया कानून लाने वाली है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने मंगलवार को यह घोषणा की। मंत्री ने भागलपुर जिले के राजस्व पदाधिकारियों के साथ मंगलवार को समीक्षा बैठक की। इसके बाद उन्होंने कहा कि मौजूदा भूमि सर्वे में असमंजस की स्थिति से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए इस पर रोक लगाते हुए इसकी अवधि बढ़ाई गई थी। नीतीश सरकार आगामी कैबिनेट की बैठक में जमीन सर्वे से संबंधित नया कानून बनाने का एक प्रस्ताव ला रही है। इस कानून से लोगों को अपनी भूमि के सर्वे कराने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
मंत्री जायसवाल ने कहा कि भागलपुर सहित राज्य के सभी राजस्व अधिकारियों को सीधे तौर पर हिदायत दी गई है कि वे लंबित मामलों का निपटारा न्याय के साथ निर्धारित अवधि के भीतर करें। इसके लिए एक महीने का समय दिया गया है। जल्दबाजी में किसी मामले को रद्द नहीं करें। जिस अंचल के मामले लंबित रहेंगे, वहां के राजस्व पदाधिकारी दंडित किए जाएंगे। भूमि विवाद की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए राजस्व विभाग हरसंभव उपाय कर रही है।
दिलीप जायसवाल ने कहा कि पहले राजस्व विभाग की स्थिति ठीक नहीं थी और इस वजह से लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, लेकिन हमने कार्यभार संभालते ही गड़बड़ी करने वाले 37 अंचलाधिकारियो को निलंबित किया है और अन्य 82 अंचलाधिकारी के विरुद्ध कई तरीके से कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि पूर्व में सभी अंचलाधिकारी सहित सभी राजस्व अधिकारी अपनी सेवा पुस्तिका अपने पास रखते थे। लेकिन हमने उक्त सिस्टम को बदलते हुए सभी अधिकारियों को अपनी सेवा पुस्तिका विभाग में जमा करने के लिए कहा है। ताकि गलती करने वाले अधिकारियों के लिए विभाग सही तरीके से सजा तय कर सके।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार के निर्देश के बावजूद 189 राजस्व अधिकारियों की समयबद्ध सेवा पुस्तिका विभाग में जमा नहीं हो पाई है। वैसे अधिकारियों के नवंबर महीने का वेतन रोक दिया गया है।बाद में अन्य सजा भी दी जाएगी। राजस्व विभाग के प्रति बनी लोगों की नाकारात्मक सोच को सकारात्मक बनाने का हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
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