पटना जिले के छह डीसीएलआर कोर्ट में लंबित लगभग पांच हजार दाखिल खारिज और भूमि विवाद के मामलों की जांच 10 सदस्यीय कमेटी करेगी। डीसीएलआर कोर्ट में लंबे समय से मामले क्यों लंबित हैं इसकी जांच के लिए डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने डीडीसी समीर सौरभ की अध्यक्षता में सोमवार को कमेटी का गठन किया। कमेटी मंगलवार से जांच शुरू करेगी। 15 दिनों के अंदर कमेटी को जांच प्रतिवेदन सौंपना है।
यह आदेश इसीलिए जारी किया गया है, क्योंकि 14 और 15 नवंबर को पटना सदर डीसीएलआर कोर्ट में संचिकाओं को गायब होने से संबंधित मामला प्रकाश में आया था, जबकि ढाई सौ संचिकाएं पूर्व डीसीएलआर ने अपने तबादले के बाद कार्यालय में लौटाया है। इसमें बैकडेट में हस्ताक्षर मिले हैं। ऐसी शिकायत है कि डीसीएलआर कोर्ट में मामलों को लंबित कर लोगों से पैसे की उगाही की जा रही है। डीएम के आदेश में कहा गया है कि राजस्व मामलों की समीक्षा के क्रम में पाया गया है कि डीसीएलआर कोर्ट में बड़ी संख्या में मामले लंबित हैं। इसमें विशेष कर दाखिल खारिज अपील, भूमि विवाद अधिनियम के अंतर्गत दायर मामले, लगान निर्धारण वाद तथा मापी अपील के मामले शामिल हैं।
दरअसल, डीएम के साप्ताहिक जनता दरबार में अनेक परिवादी आकर शिकायत कर रहे हैं कि डीसीएलआर न्यायालयों में दायर मामले का समुचित ढंग से निपटारा नहीं हो रहा है तथा कई मामलों में जानबूझकर विलंब किया जा रहा है। पीड़ित लोगों ने इस पूरी प्रक्रिया में बिचौलियों की भूमिका का भी जिक्र किया है। यह भी शिकायत की गई है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निर्देश के विपरीत अनेक मामलों को ऑफलाइन पद्धति से भी निपटारा किया जा रहा है। जांच के लिए डीडीसी समीर सौरभ की अध्यक्षता में अपर समाहर्ता विभागीय जांच पुष्पेश कुमार, छह एसडीएम और आईटी मैनेजर शत्रुध्न दूबे को जांच दल में शामिल किया गया है।
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