मुजफ्फरपुर : बिहार में इन दिनों शहरी इलाके में करोड़ों की लागत से नए-नए अस्पताल भवन बनाए जा रहे है. केन्द्र सरकार से लेकर राज्य की सरकार स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार विकास कर रही है. बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने बिहार के कई बड़े सुपरस्पेशलिटी अस्पतालो का उद्घाटन किया है, लेकिन मुजफ्फरपुर का एक वर्षों पहले बने अस्पताल आज तक शुरू नहीं हुआ है. बल्कि इसका भवन जर्जर होता जा रहा है. जगह -जगह से बिल्डिंग का दिवार झर रहा और दीवार में दरार आ रहा है।
हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने इस अस्पताल में एक डॉक्टर की नियुक्ति तो की है, लेकिन वह डॉक्टर भी दिन के सिर्फ 2 बजे तक ही मिलते हैं. अस्पताल के कोने में बना स्वस्थ उपकेंद्र में एक एएनएम दिखी जो 3 बजे तक की ड्यूटी की बात कह कर निकल गई है.
जबकि इसी गांव के रहने वाले डॉ राजभूषण चौधरी निषाद भी चुनाव जीत कर सांसद बने, सांसद बनने के बाद केंद्रीय जलशक्ति राज्य मंत्री बन गए, लेकिन उनके गांव में बना इस अस्पताल के लिए अब तक कोई पहल नहीं किए गए है. लोगों को उम्मीद थी कि डॉ राजभूषण चौधरी निषाद केंद्रीय मंत्री बनने से अस्पताल अब चालू हो जायेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है.
लोगों से चुनाव के दौरान वादा भी किया था कि चुनाव जीतने के बाद इसे वृहद रूप में शुरू करवाएंगे, लेकिन कई महीनों के बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं होते दिखा है. आज एक डॉक्टर के सहारे किसी तरह OPD चल रहा है, वह दिन 2- 3 बजे तक ही अस्पताल में रहते हैं, लेकिन अस्पताल में न बेड है, ना मेडिसिन, ना कोई व्यवस्था. यानी पूरा अस्पताल जर्जर हो रहा और पूरे अस्पताल परिसर में जंगल झार से घिरता जा रहा है.
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