पटना: बिहार में प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना का लक्ष्य पिछले दो वर्षों से राज्य को नहीं मिला था. इस अवधि में राज्यभर में लगभग 13 लाख लोग ऐसे थे जो अपने घरों का इंतजार कर रहे थे. अब इन लाभुकों की उम्मीदें एक बार फिर जगी हैं, क्योंकि केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग ने लगभग दो लाख 50 हजार आवासों के निर्माण की मंजूरी दे दी है। अगस्त के पहले सप्ताह में इन ढाई लाख ग्रामीणों को नए आवास मिलने की संभावना है।
ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में सभी डीडीसी और डीपीओ के साथ बैठक कर समीक्षा की गई है. बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री ने इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से मुलाकात की थी और राज्य को लक्ष्य न मिलने की समस्या से अवगत कराया था. केंद्रीय मंत्री ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया था. इसके साथ ही, राज्य के ग्रामीण सचिव ने भी केंद्रीय ग्रामीण सचिव से पत्राचार कर लक्ष्य की मांग की थी. दोनों स्तरों की वार्ता के बाद अब 2.5 लाख आवासों के निर्माण की स्वीकृति मिल गई है।
बता दें कि विभाग को कागजी प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश भी दिया गया है. इसके अलावा, ढाई लाख आवासों के अलावा बाकी बचे आवासों के निर्माण पर विचार किया जाएगा. बीते दिनों ग्रामीण विकास विभाग की एक समीक्षा बैठक हुई थी जिसमें मंत्री श्रवण कुमार ने मुख्यमंत्री से बात कर इस मुद्दे को हल करने की बात की थी. मुख्यमंत्री से स्वीकृति मिलने के बाद राज्य सरकार शेष बचे लाभुकों के आवास निर्माण के लिए राज्य की योजना से काम कराने का निर्णय ले सकती है. इस प्रकार राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाए हैं कि अधिक से अधिक लाभुकों को जल्द से जल्द अपने घर मिल सकें।
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