मुजफ्फरपुर: बिहार में 22 जुलाई से शुरू हो रहे सावन के साथ ही 14 स्थानों पर श्रावणी मेला शुरू हो जाएगा। इसकी तैयारी को लेकर मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने संबंधित 13 जिलों के डीएम, एडीएम समेत अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। राजस्व विभाग मेला के आयोजन पर पांच करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च करेगा। सावन महीने में शिवभक्त दूर से पवित्र गंगाजल लाकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं।
मुख्य सचिवालय के सभागार में शुक्रवार को आयोजित इस बैठक में सभी जिलों को तमाम मूलभूत नागरिक सुविधाओं का विकास करने के साथ सुरक्षा, सफाई समेत अन्य सभी बातों का खासतौर से ध्यान रखने के लिए कहा गया है। सभी जिलों को श्रावणी मेले से संबंधित पूरी तैयारी हर हाल में 15 जुलाई तक पूरी कर लेने का निर्देश दिया गया है। मेला के दौरान किसी तरह की भगदड़ नहीं हो, नदी घाटों पर हताहत की स्थिति से बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को हमेशा तैनात करने समेत अन्य जरूरी निर्देश मुख्य सचिव ने सभी संबंधित जिलों को दिए। इनके आसपास के जिलों को भी सतर्क रहने के लिए कहा गया है। ताकि कांवरियों को रास्ते में किसी तरह की असुविधा नहीं हो।
तैयारी में इन बातों का रखना होगा खास ध्यान
सभी संबंधित जिलों को जिस स्थान पर मेला लगता है या पूरे मंदिर परिसर में और जहां से श्रद्धालु जल भरकर जाते है, उसे चिह्नित करने को कहा गया है। इन दोनों स्थानों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के लिए कहा गया है। पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती करने को कहा गया है। किसी स्थान पर भगदड़ या आपाधापी की स्थिति नहीं हो। समुचित एनाउंसमेंट सिस्टम, कंट्रोल रूम समेत अन्य सभी चीजों के साथ ही समुचित लाइटिंग, शौचालय, भोजन, कांवरियों के ठहरने के लिए आश्रय स्थल समेत अन्य सुविधाएं बहाल करना है। पीने का स्वच्छ पानी के लिए वाटर एटीएम की व्यवस्था, अन्य कार्यों के लिए पानी का टैंकर समेत अन्य सुविधाएं बहाल की जाएंगी। जल लेकर जाने वाले श्रद्धालुओं एवं कांवरियों के लिए मुख्य सड़क के बगल में गंगा बालू बिछा कर पाथ-वे बनाने में इस बात का ध्यान रखने के लिए कहा गया है कि बालू की मात्रा उचित हो, जहां एनएच से होकर गुजरने का रास्ता है, वहां इनके गुजरने के दौरान एक लेन को बंद करके दूसरे लेन में ही आने-जाने की व्यवस्था करने को कहा गया है। सड़क जाम नहीं हो, इसके लिए स्थानीय थानों को खासतौर से अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है।
जिन स्थानों पर मेला का आयोजन होने जा रहा है, उसमें बांका, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, जमुई के अलावा मुजफ्फरपुर में दो स्थानों बाबा गरीबनाथ और बाबा दूधनाथ मंदिर परिसर, पूर्वी चंपारण के अरेराज स्थित शिव मंदिर परिसर, हाजीपुर, सोनपुर के पहलेजा घाट (बाबा हरिहर नाथ शिव मंदिर), पूर्णिया का धीमेश्वर स्थान मंदिर, बेगूसराय का बाबा हरिगिरिधाम स्थान, मधुबनी में भैरवा श्रावणी मेला और जहानाबाद में वाणावर श्रावणी मेला शामिल है। इन 13 जिलों के अधिकारियों को खासतौर से मिशन मोड में काम करके तैयारी को अमलीजामा पहनाने के लिए कहा गया है।
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