पटना: लोकसभा के बाद आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब दे रहे हैं। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने विपक्ष पर जोरदार हमला बोला और कहा कि अभी तो हमने 10 साल ही पूरे किए हैं अभी 20 साल और बाकी हैं।
राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस को अपनी हार का मंथन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक हार पर कांग्रेस को फर्जी जीत का जश्न बनाने के बजाए आत्ममंथन करना चाहिए। इस दौरान सदन में राहुल गांधी के व्यवहार को उन्होंने संसदीय लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। पीएम मोदी ने कहा कि इसे बालक बुद्धि मानकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के भाषण में देशवासियों के लिए प्रेरणा भी थी, प्रोत्साहन भी था और एक प्रकार से सत्य मार्ग को पुरस्कृत भी किया गया था। पिछले दो-ढाई दिन में इस चर्चा में करीब 70 सांसदों ने अपने विचार रखे हैं। इस चर्चा को समृद्ध बनाने के लिए राष्ट्रपति महोदया के अभिभाषण को व्याख्यायित करने में आप सभी सांसदों ने जो योगदान दिया है, इसके लिए मैं आप सबका भी आभार व्यक्त करता हूं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर इससे अपना मुंह फेर कर बैठे रहे, कुछ लोगों को समझ नहीं आया और जिनको समझ आया उन्होंने हो-हल्ला कर देश की जनता के इस महत्वपूर्ण निर्णय पर छाया करने की कोशिश की। लेकिन मैं पिछले दो दिन से देख रहा हूं कि आखिर पराजय भी स्वीकार हो रही है और दबे मन से विजय भी स्वीकार हो रही है। 10 साल के बाद किसी एक सरकार की लगातार फिर से वापसी हुई है और मैं जानता हूं कि भारत के लोकतंत्र में 6 दशक बाद हुई, ये घटना असामान्य घटना है।
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