पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री स्व. सुशील कुमार मोदी की याद में शुक्रवार को रविंद्र भवन में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। सभा में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ ही दूसरे उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा शामिल हुए। सभा में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने स्व. मोदी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि बिहार के लिए स्व. मोदी का योगदान अविस्मरणीय है तथा उसे आने वाली पीढ़ियां याद करेंगी. हमें केवल शब्दों से ही नहीं, बल्कि अपने कार्यों के माध्यम से भी उन्हें श्रद्धांजलि देनी चाहिए. राजनीति ही नहीं, बल्कि सामाजिक संस्थानों के साथ भी उनका संबंध विलक्षण था. स्व. मोदी ने उन्हें बिहार के कई सामाजिक संस्थानों से जोड़ा. उन्होंने कहा कि सुशील मोदी के साथ उनका संबंध वर्ष 1978 से था. राज्यपाल के रूप में बिहार आने पर सबसे पहले उन्होंने ही उनका स्वागत किया था।
इस मौके पर नीतीश कुमार भी पहुंचे और सभा में भाग लिया. वे इस दौरान भावुक हो गए. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि हमने मार्गदर्शक और बड़ा नेता खोया है. सरकार से लड़ना आसान नहीं होता है. वह ज्यादा उम्र में भी किसी बैठक में अनुपस्थित नहीं होते थे. पार्टी की चिंता भी वे लगातार करते रहे. उन्होंने जो रास्ता दिखाया है, उस पर हम चलें, यही सच्ची श्रद्धांजलि है।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि स्व. मोदी निर्भीक नेता थे. अगर मुझे किसी ने हिंदी सिखाया तो वह सुशील मोदी जी थे. वे कहा करते थे कि जैसी भी हिंदी बोलें, लेकिन, बोलते रहें. आज उन्हीं के कारण हम जैसी भी हिंदी बोल पाते हैं, वह बोलते हैं. उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सुशील मोदी में अपनत्व का भाव व सकारात्मक सोच था. उन्होंने निर्भीकता के साथ भ्रष्टाचार से लड़ाई लड़ी।
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