मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर समेत बिहार के कई जिलों में बच्चों में फैलने वाली बीमारी का प्रकोप गर्मी की धमक के साथ बढ़ने लगा है। ताजा जानकारी के अनुसार दो बच्चों में एईएस की पुष्टि हुई है। इनमें से एक मुजफ्फरपुर के बोचहां और दूसरा सीतामढ़ी का है। दोनों बच्चों को चमकी बुखार के लक्षण मिलने के बाद एसकेएमसीएच में भर्ती किया गया था। दोनों में एईएस का कारण हाइपोग्लाइसीमिया बताया गया है।
जानकारी के मुताबिक, बोचहां की तीन वर्ष की मिक्की कुमारी में 21 मार्च को चमकी बुखार का लक्षण मिले थे। बीमार होने पर परिजनों ने एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में बच्ची को भर्ती कराया था। जांच में बच्ची में एईएस से पीड़ित होने की पुष्टि हुई। उसे 25 मार्च को ठीक होने पर डिस्चार्ज कर दिया गया। एक अन्य बच्चा सीतामढ़ी के नानपुर के पांच वर्ष के गोलू कुमार को भी 21 मार्च को एसकेएमसीएच में एईएस का लक्षण पर भर्ती किया गया था। उसमें जांच के बाद इस बच्चे में भी एईएस की पुष्टि हुई। उसे ठीक होने के बाद 27 मार्च को डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल में अभी एईएस से पीड़ित एक भी बच्चा भर्ती नहीं है। जिले में इस वर्ष अब तक दो बच्चे एईएस पीड़ित मिल चुके हैं।
मुजफ्फरपुर में इस साल एईएस का पहला मामला फरवरी में मिला था। सकरा के बच्चे में एईएस की पुष्टि हुई थी। मुजफ्फरपुर के अलावा, सीतामढ़ी के दो बच्चे एईएस पीड़ित पाए गए हैं। दोनों बच्चे नानपुर के ही हैं। 14 मार्च को नानपुर के एक बच्चे में एईएस मिला था। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ने बताया कि एईएस को लेकर सभी पीएचसी व सीएचसी को अलर्ट मोड में रखा गया है।
यह बीमारी अब तक हजारों बच्चों की जा’न ले चुकी है। गर्मी के मौसम में बच्चों में चमकी बुखार के साथ यह बीमारी पनपती है और समय से इलाज शुरू नहीं होने पर उनकी मौ’त हो जाती है। 2019 में एईएस ने पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था हिलाकर रख दिया था। तब के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्द्धन ने मुजफ्फरपुर आकर खुद बच्चों का इलाज किया था।
Be First to Comment