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चंपई सोरेन बने झारखंड के नए मुख्यमंत्री, बसंत और आलमगीर बनें डिप्टी सीएम

हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद झारखंड में जारी सियासी संकट खत्म हो गया है। चंपई सोरेन  झारखंड के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लिया। उनके साथ दो विधायक भी मंत्री पद की शपथ लिया।  ने गुरुवार देर रात उन्हें सरकार बनाने का निमंत्रण दिया। चंपई को दस दिनों के अंदर बहुमत साबित करने को कहा गया है। इससे पहले महागठबंधन विधायक दल के नेता चंपई सोरेन के साथ पांच विधायकों ने गुरुवार शाम साढ़े पांच बजे राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था।

Who is Champai Soren: कौन हैं 'झारखंड टाइगर' चंपई सोरेन? जो होंगे सूबे के नए  मुख्यमंत्री - Champai Soren newly CM of Jharkhand in place of CM Hemant  Soren profile in hindi

दरअसल, चंपई सोरेन ने झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। उन्हें राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। वे लगातार पांच बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं। चंपई को सोरेन परिवार का विश्नवसनीय माना जाता है। चंपई सोरेन अर्जुन मुंडा सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभाली थी। वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के उपाध्यक्ष भी हैं। झारखंड आंदोलन के समय ग्रामीणों को बचाने की वजह से उन्हें टाइगर कहा जाता है। अब जल्द ही वे बतौर मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे।

Jharkhand CM Oath Ceremony Live Updates Champai Soren will take oath as new  Chief Minister today Governor invited | Champai Soren Oath Ceremony Live: चंपई  सोरेन आज लेंगे सीएम पद की शपथ,

चंपई सोरेन सरकार पांच फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करेगी। नौ फरवरी से विधानसभा का बजट सत्र है। इससे पहले शिबू सोरेन से मुलाकात के बाद झारखंड के मनोनीत मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि मैं शपथ लेने से पहले गुरुजी (शिबू सोरेन) और माताजी (रूपी सोरेन) का आशीर्वाद लेने के लिए यहां आया था। वह मेरे आदर्श हैं। मैं झारखंड आंदोलन में शामिल हुआ था और मैं उनका शिष्य हूं। मैं राज्य के लोगों के उत्थान के लिए उनके सिद्धांतों के साथ काम करता हूं। इसलिए, मैं दिशोम गुरु का आशीर्वाद लेने आया हूं।

उधर,  वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के 39 विधायकों को हैदराबाद भेजा जाएगा। ऐसा संभावित खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए किया गया है। जानकारी के अनुसार, बहमत साहित करने में 10 दिन का समय है ऐसे में विधायक टूट सकते हैं। ऐसी स्थिति से बचने और सभी को एकजुट रखने के लिए विधायकों को तेलंगाना शिफ्ट किया गया है।

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