बिहार में 16 अक्टूबर से सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की आवासीय ट्रेनिंग 21 अक्टूबर तक चलेगी। शिक्षकों की आवासीय ट्रेनिंग सुबह 5:30 बजे से शाम 7 बजे तक है। आवासीय ट्रेनिंग विभिन्न शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों, बिपार्ड में दी जा रही हैं। इससे पहले एससीईआरटी ने पत्र जारी कर 16 से 21 अक्टूबर के बीच ट्रेनिंग शेड्यूल जारी कर दिया है। ऐसे में अब शिक्षकों में आवासीय ट्रेनिंग को लेकर हंगामा होने के आसार हैं। इस आदेश हो लेकर शिक्षकों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
दरअसल, शिक्षक संघ आवासीय ट्रेनिंग कार्यक्रम का विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि, सरकार के तरफ से जान बूझकर आवासीय ट्रेनिंग के नाम पर शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है। क्योंकि दुर्गापूजा की छुट्टी स्कूलों में पहले से ही घोषित है और उसी दौरान आवासीय ट्रेनिंग का कार्यक्रम शिक्षा विभाग ने रखा है। जबकि हिन्दू धर्म के शिक्षक उपवास पर रहकर पूजा पाठ करते हैं।
आवासीय ट्रेनिंग कार्यक्रम के तहत शिक्षक और मास्टर ट्रेनरों को दिन-रात प्रशिक्षण केंद्र पर रहना है। उन लोगों के लिए नाश्ता, भोजन और रहने की भी व्यवस्था की गई है। इस आवासीय ट्रेनिंग में शिक्षकों को योगा, पीटी सिखाया जाएगा ताकि वह बच्चों को सिखा सकें। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसी देनी है इसका प्रशिक्षण शिक्षकों को दिया जाएगा। इसके साथ ही डिजिटल उपकरण और कंप्यूटर चलाना शिक्षकों को सिखाया जाएगा ताकि शिक्षक बच्चों को बेहतर ढंग से पढ़ा सकें। शिक्षकों को प्रशिक्षण देने के लिए मास्टर ट्रेनर्स तैयार किए गए हैं।
आपको बताते चलें कि, कुछ समय पहले शिक्षा विभाग ने हिन्दू त्योहारों की छुट्टियों में भी कटौती की थी जिस पर भी जमकर बवाल हुआ था। बाद में सरकार को अपने फैसले को वापस लेना पड़ा था। ऐसे में अब एक बार दिर शिक्षक संघ बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं। इसमें उन्हें राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी भी समर्थन कर रही है।
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