पटना: बिहार में हृदय रोग का एकमात्र सरकारी सुपर स्पेशियलिटी संस्थान आईजीआईसी (इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान) के सुसज्जित नए भवन का उद्घाटन हुए दो साल होने को है। बावजूद यहां अबतक एक भी ओपेन हार्ट सर्जरी नहीं हो पाई है। यहां आनेवाले मरीज दूसरे अस्पतालों में रेफर किये जा रहे हैं। गरीब मरीजों को एम्स पटना और आईजीआईएमएस में एक साल बाद तक का समय मिल रहा है। मजबूरी में गरीब मरीज अपना ऑपरेशन निजी अस्पतालों में कराने को विवश हो रहे हैं।
सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के नाम पर आईजीआईसी में ओपेन हार्ट सर्जरी के लिए जरूरी सारे अत्याधुनिक उपकरण मौजूद हैं। हार्ट सर्जरी विभाग में 16 सर्जन की तैनाती भी की गई है। बावजूद इसके मरीजों को यहां ओपेन हार्ट सर्जरी की सुविधा नहीं मिल पा रही है। यहां आने वाले मरीज उम्मी लेकर आते हैं और निराश होकर दूसरे अस्पतालों में चले जाते हैं।
पिछले वर्ष ही लगभग 535 करोड़ की लागत से सुसज्जित नौ मंजिले भवन को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस किया गया था। उस समय अस्पताल के निदेशक और चिकित्सकों ने जल्द ही ओपेन हार्ट सर्जरी शुरू करने की बात कही थी। लेकिन दो साल बाद भी आश्वासन पूरा नहीं हुआ।
सभी संसाधन और उपकरण मौजूद होने के बावजूद सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सक की कमी ऑपरेशन में बड़ी बाधा बनी हुई है। अस्पताल प्रशासन से जुड़े एक बड़े चिकित्सक ने बताया कि संस्थान में मात्र एक एमसीएच किया हुआ चिकित्सक हैं। वे स्वयं एंजियोप्लास्टी करा चुके हैं। ऑपरेशन के लिए कम से कम चार से छह लोगों की टीम की आवश्यकता होती है।
बताया कि विभाग से दो साल पहले ही छह सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सकों की तैनाती की मांग की गई थी, लेकिन उनकी तैनाती नहीं हो पा रही है। अस्पताल निदेशक डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि संस्थान में ऑपरेशन के लिए सभी संसाधन मौजूद हैं। यहां देश में सर्वाधिक पेसमेकर लगाए जाते हैं। रोजाना यहां 10-12 एंजियोग्राफी और तीन से चार एंजियोप्लास्टी हो रही है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती होते ही यहां ओपेन हार्ट सर्जरी शुरू हो जाएगी।
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