मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर के बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ने छात्रों से इलाज के नाम पर 11 लाख रुपये वसूल लिए, जबकि उसका हेल्थ सेंटर पर सालों से बंद पड़ा है। दरअसल, यहां दाखिला लेने वाले पीजी के छात्रों से हर सेमेस्टर में नामांकन के समय हेल्थ सेंटर की सुविधा के लिए 10 रुपये का शुल्क लिया जाता है। दूसरी ओर, विश्वविद्यालय के हेल्थ सेंटर पर डॉक्टर के रिटायर हो जाने के बाद बीते पांच सालों से ताला लगा हुआ है। सेंटर 2018 से ही बंद है। यहां के तमाम उपकरण खराब हो चुके हैं। इन पांच सालों में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों से हेल्थ सेंटर के नाम पर 11 लाख रुपये वसूले हैं। बिहार विवि में हर वर्ष पीजी में 5500 विद्यार्थियों का दाखिला होता है। इन विद्यार्थियों को पीजी के चारों सेमेस्टर में हेल्थ सेंटर की फीस देनी पड़ती है।
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ने हेल्थ सेंटर के लिए एक कंपाउंडर, एक स्वीपर और एक डेलीवेज कर्मचारी भी तैनात किया है। इनके वेतन पर हर माह डेढ़ लाख रुपये खर्च होते हैं। हालांकि, इस राशि का यूनिवर्सिटी के पास कोई हिसाब नहीं। रजिस्ट्रार प्रो. संजय कुमार का कहना है कि हेल्थ सेंटर फिर से खोलने के लिए प्रक्रिया चल रही है। शिक्षकों और छात्रों ने बताया कि हॉस्टल में रहने वाले और विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों की तबीयत बिगड़ने पर काफी कठिनाई होती है। हेल्थ सेंटर पर न तो दवा है और न ही इलाज का कोई साधन। विश्वविद्यालय इसके लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है।
हर साल बनता है कागजी बजट
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय हेल्थ सेंटर खोलने के लिए हर साल बजट बनाता है, लेकिन यह कागजी ही साबित होता है। साल बीत जाता है पर कोई राशि खर्च नहीं की जाती। यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों ने बताया कि प्रशासन को सिर्फ यहां एक डॉक्टर की तैनाती करानी है और दवाएं रखवानी हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिलकर वह यह काम कर सकता है लेकिन अनदेखी के कारण सालों से यह काम लंबित है।
कॉलेज भी ले रहे हैं छात्रों से पैसे
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की तरह इससे संबद्ध कॉलेज भी अपने यहां दाखिला लेने वाले छात्रों से इलाज की सुविधा के नाम पर पैसे ले रहे हैं। जबकि एक-दो को छोड़कर किसी भी कॉलेज में हेल्थ सेंटर नहीं है। एलएस कॉलेज में हेल्थ सेंटर है लेकिन वह काम नहीं कर रहा। बिहार विश्वविद्यालय के कॉलेजों में बिना हेल्थ सेंटर के इसके मद में छात्रों से पैसे लिए जाने पर छात्र नेताओं ने भी आपत्ति जताई है। छात्र लोजपा रामविलास के नेता गोल्डन सिंह, एआईएसएफ के महिपाल ओझा ने कहा कि विश्वविद्यालय को इस मद में राशि नहीं लेनी चाहिए। इसके खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
Be First to Comment