पटना: बिहार की राजनीति में एक बार फिर से उठा पटक देखने को मिल रहा है. विपक्षी दलों की बैठक से पहले जीतन राम मांझी के बेटे संतोष मांझी ने इस्तीफा देकर महागठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर दिए है. इस बीच एलजेपी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने संतोष मांझी के इस्तीफे पर कहा कि, मुख्यमंत्री जी जहां एक तरफ विपक्ष को एकजुट करने में लगे है वहीं दूसरी तरफ उनके खुद के कुनबे की गांठे खुलती जा रही है. बहरहाल ये शुरुआत है नीतीश कुमार जी के नेतृत्व को अस्वीकार करने वाले स्वरों की, आने वाले दिनों में ऐसे कई और उदाहरण देखने को मिलेंगे।
वहीं जदयू के बड़बोले विधायक गोपाल मंडल ने सन्तोष मांझी के इस्तीफे को लेकर बड़ा बयान दिया है. गोपाल मंडल ने कहा कि मांझी का बेटा कम उम्र का है उसमें समझदारी की कमी है. कोई अपना इस्तीफा तब देता है जब वह जानता है कि अब उसका महत्व खत्म हो गया है. जहां तक जीतन राम मांझी की बात है तो उन्हें नेता नीतीश कुमार ने बनाया था. मांझी नेता बनने लगे और रह-रहके बयान देने लगे. यह अच्छी बात नहीं है. गोपाल मंडल ने कहा कि जहां तक हम का जदयू में विलय करने की बात है तो इसमें कुछ भी गलत नहीं था विलय कर लेना चाहिए था. लेकिन उन्हें भागना था तो भाग गए।
गोपालपुर विधायक ने कहा महागठबंधन का दरबार खुला हुआ है, जिसे आना है आए, जिसे जाना है जाए. कोई फर्क नहीं पड़ता है. गोपाल मंडल ने जीतन राम मांझी को लेकर कहा वह कोई बड़े नेता नहीं है, जिनके रहने या जाने से सरकार को प्रभाव पड़ेगा. आने वाली बैठक में इसका कोई असर नहीं पड़ेगा. बता दें कि 23 जून को राजधानी पटना में विपक्षी दलों की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है.
Be First to Comment