पटना: नए संसद भवन के उद्घाटन पर सियासत जारी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नीति आयोग की बैठक से भी किनारा कर लिया है। उन्होंने यहां तक कह दिया है कि नए संसद भवन की जरूरत ही नहीं थी। इस बीच नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस्तीफे की मांग की है।
पटना में जेडीयू के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे ललन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का दलित समाज और महिला कभी माफ नहीं करेंगी। उन्होंने दलित महिला राष्ट्रपति का अपमान किया है। देश में यदि नया संसद भवन बना तो उसके उद्घाटन का अधिकार राष्ट्रपति का होता है। लेकिन पता नहीं क्यों उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों नहीं करवाया जा रहा है बल्कि प्रधानमंत्री खुद सेंट्रल विस्टा का उद्घाटन कर रहे हैं।
ललन सिंह ने कहा कि नए संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में भी राष्ट्रपति की उपेक्षा की गई। उस समय भी दलित राष्ट्रपति थे। उन्हें शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल नहीं किया गया जबकि देश के सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति संवैधानिक संस्था संसद भवन शिलान्यास कराया जाना चाहिए था। उस समय भी प्रधानमंत्री स्वयं आ गए। आज देश में महिला राष्ट्रपति हैं। उन्हें भी उद्घाटन समारोह से दूर कर दिया गया।
जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष ने यह भी कहा कि जब द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति बनी थी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी घूम घूम कर सीना ठोक रही थी कि उन्होंने आदिवासी महिला को देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने में व्यवस्था बनाई। आज उन्हीं महिला आदिवासी राष्ट्रपति की अवहेलना की जा रही है। इसीलिए जेडीयू नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम से दूर है।
दरअसल ललन सिंह सुशील मोदी के सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें उनसे इस्तीफे की मांग की गई थी।। सुशील मोदी ने कहा था कि जब ललन सिंह को पार्लियामेंट हाउस उद्घाटन में नहीं जाना है तो उन्हें संसद में भी नहीं जाना चाहिए और इसलिए उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए पत्रकारों के इसी सवाल पर ललन सिंह ने कहा इस्तीफा मुझे नहीं पीएम मोदी को देना चाहिए।
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