पटना: नया संसद भवन उद्घाटन से पहले ही सियासी जंग का अखाड़ा बन गया है। कांग्रेस समेत विपक्ष के 19 दल नए भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होंगे। इन दलों ने साझा बयान में समारोह का सामूहिक बहिष्कार करने की घोषणा की। राजद और जदयू ने भी नई संसद के उद्घाटन का बॉयकॉट किया है। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होने कहा कि हम इतिहास बदलने में भागीदार नहीं है। इसलिए जेडीयू उद्घाटन समारोह में शामिल नहीं होगी। साथ ही ललन सिंह ने कहा कि अगर 2024 में सरकार बदली तो नए संसद भवन में दूसरा काम होगा।
राष्ट्रपति से कराया जाए उद्घाटन
जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि हमारी मांग है कि नई संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराया जाए। न कि प्रधानमंत्री के द्वारा। क्योंकि ये पूरी तरह अनुचित है। अगर ऐसा नहीं होता है। तो उद्घाटन समारोह में जेडीयू शामिल नहीं होगी। वहीं ललन सिंह ने सुशील मोदी के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि क्या सुशील मोदी लोकतंत्र की आधारशिला नहीं रखे हैं। दरअसल मोदी ने पूछा था कि नीतीश सरकार ने 17 साल में कितने सरकारी भवनों का शिलान्यास और उद्घाटन राज्यपाल से कराया गया।
19 विपक्षी दलों ने किया बहिष्कार
दरअसल विपक्षी दलों का आरो’प है कि केंद्र सरकार के कार्यकाल में संसद से लोकतंत्र की आत्मा को निकाल दिया गया है। समारोह से राष्ट्रपति को दूर रखना अशोभनीय एवं लोकतंत्र पर सीधा हमला है। दूसरी ओर, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, बहिष्कार करना और गैर-मुद्दे को मुद्दा बनाना सर्वाधिक दुर्भाग्यपूर्ण है। विपक्ष फैसले पर पुनर्विचार करे और समारोह में शामिल हो। 19 विपक्षी दलों कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, जदयू, आप, एनसीपी, समाजवादी पार्टी, राजद, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), माकपा, भाकपा, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, झामुमो, नेशनल कॉन्फ्रेंस, केरल कांग्रेस (एम), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, विदुथलाई चिरुथिगल काट्ची (वीसीके), एमडीएमके और रालोद ने साझा रूप से बहिष्कार की घोषणा की है। वहीं, वाईएसआर कांग्रेस, बीजद, शिरोमणि अकाली दल समारोह में हिस्सा लेंगे। टीडीपी और बीआरएस ने अभी इस संबंध में कोई फैसला नहीं किया है।
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