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पूर्व सांसद मीना सिंह ने छोड़ा जेडीयू का साथ, नीतीश कुमार के बारे में कह दी बड़ी बात

पटना: पूर्व सांसद  मीना सिंह ने आज जेडीयू से इस्तीफा दे दिया । पटना के मौर्या होटल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में मीना सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार से मैं कभी जुदा नहीं होना चाहती थी, लेकिन जिस तरीके से उन्होंने जंगल राज के युवराज को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है, बिहार की जनता डर गई है, आम – अवाम को पुराने दौर की वापसी दिख रही है, ऐसे में जेडीयू के साथ मेरा रहना नाइंसाफी होता ।

पूर्व सांसद मीना सिंह ने छोड़ा जेडीयू का साथ, नीतीश कुमार के बारे में कह दी बड़ी बात

हम जेडीयू को कभी नहीं भूले, लेकिन अब नाइंसाफी होती
मीना सिंह ने कहा कि  मेरे पति अजीत कुमार सिंह कांग्रेस में थे । लेकिन बिहार को जंगल राज से मुक्त कराने की लड़ाई में वे नीतीश कुमार के साथ आए । फिर बिहार को आ’तंक राज से मुक्ति मिली । इसके बाद आप सभी को पता है कि मेरे सांसद पति की असामयिक मौ’त एक सड़क दु’र्घटना में हो गई । नीतीश कुमार को बिहार की जनता ने सेवा करने का मौका दिया । हमने पूरी निष्ठा के साथ जेडीयू की हर लड़ाई में अपनी सहभागिता निभाई । उन्होंने कहा कि मैं 2014 में भी नीतीश कुमार के साथ रही। जबकि बहुत सारे लोग छोड़ कर उन्हें चले गए । आगे के किसी चुनाव में उन्हें मेरी याद भले नहीं आई हो, लेकिन जेडीयू को हमने कभी नहीं भूला । उन्होंने कहा कि 2015 में भी बिहार में महागठबंधन बना, लेकिन जनता को इसलिए चिंता नहीं हुई। क्योंकि पूरी मजबूती से नेतृत्व नीतीश कुमार के पास ही रहा।

महागठबंधन सरकार में तांडव कर रहे अप’राधी- मीना
उन्होने कहा कि लेकिन जब से बिहार में महागठबंधन की सरकार बनी है, पूरे बिहार में अप’राधी तां’डव कर रहे हैं । हर प्रकार के अप’राध की घट’नाएं बढ़ी हैं, ऐसा लग रहा है कि 2005 के पूर्व की तरह जनता परेशान है, जंगलराज रिटर्न साफ – साफ दिख रहा है, लेकिन नीतीश कुमार को कोई फिक्र नहीं है। उन्होंने कहा कि सबसे दुखद पल तो वो रहा, जब नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया । इसके बाद तो मैं विचलित हो गई । मेरे लोग कहने लगे, अब जेडीयू में क्या बचा है मुझे लगता है, नीतीश कुमार ने जेडीयू के साथियों के सम्पूर्ण संघर्ष को भूला दिया है और पार्टी को विलोपित करने का ही फैसला कर लिया है, वरना जंगल राज के युवराज को वे उत्तराधिकारी नहीं घोषित करते ।

मीना सिंह समेत कई नेताओं ने दिया इस्तीफा
मीना सिंह ने कहा कि आगे वे क्या करेंगी, इससे पहले अपने समर्थकों के साथ बैठक कर विचार करेंगी । बिहारहित में जो मंजूर होगा, उसी रास्ते चलेंगी । इस मौके पर  समता पार्टी के निर्माण काल से पार्टी के सदस्य व प्रदेश सचिव, भोजपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष श्री अशोक शर्मा, युवा जेडीयू के प्रदेश सचिव श्री राकेश पाठक, पूर्व जिला महासचिव शिवशंकर सिंह, शाहपुर के प्रखंड अध्यक्ष उमेश चंद्र पांडेय , बिहियां के प्रखंड अध्यक्ष राम महतो , उदवंतनगर के प्रखंड अध्यक्ष मुकुल कुमार सिंह , संदेश के प्रखंड अध्यक्ष विपिन विश्वास ,जेडीयू भोजपुर के वरिष्ठ नेता व गढ़नी के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष अवधेश पांडेय, सुरक्षा सेवा प्रकोष्ठ भोजपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष रामदयाल सिंह , पंचायती राज प्रकोष्ठ भोजपुर के पूर्व जिलाध्यक्ष रंजन कुमार सिंह समेत बड़ी संख्या में दूसरे नेताओं ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया ।

क्या नीतीश के लिए झटका साबित होगा?

बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार के एनडीए छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाने के बाद से वह अपनी पार्टी से नाराज चल रही थीं। उनका कहना है कि माफिया राज के चलते राज्य में अपराधियों का दबदबा बढ़ता जा रहा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि वह जेडीयू का दामन छोड़ देंगी, और वैसा ही हुआ। बीजेपी के खिलाफ देशभर के विपक्षी दलों को एकजुट में जुटे नीतीश कुमार के लिए यह बड़ा झटका साबित होगा।

 2009 में आरा से चुनीं गई थीं सांसद                                                                                   

 मीना सिंह अपने पति अजीत सिंह के निधन के बाद 2009 में आरा से सांसद चुनी गई थीं। इससे पहले उन्होंने बिक्रमगंज लोकसभा सीट का भी प्रतिनिधित्व किया। अजीत सिंह बिक्रमगंज से सांसद थे और सहकारिता क्षेत्र में देश के बड़े नेता थे। उनका क्षेत्र के प्रभावशाली राजपूत नेताओं में नाम शुमार रहा। सड़क दुर्घ’टना में उनकी मौ’त हो गई थी। मीना सिंह 2014 तक आरा से सांसद रहीं। इसके बाद मोदी लहर में वह 2014 में लोकसभा का चुनाव हार गईं। 2019 में जेडीयू ने उनका टिकट काट दिया था। मीना सिंह का बेटे विशाल भी अपने पिता के नक्शेकदम पर सहकारिता क्षेत्र में उतर गए हैं। खास बात यह है कि वह बीजेपी के बाहुबली सांसद बृज भूषण शरण सिंह के दामाद हैं।

मीना सिंह के जाने से नीतीश को क्या नुकसान?
अगर मीना सिंह के जेडीयू छोड़कर बीजेपी में जाती हैं तो नीतीश कुमार को आगामी चुनाव में नुकसान झेलना पड़ सकता है। दिवंगत अजीत सिंह की पत्नी को बीजेपी 2024 में काराकाट या आरा से टिकट दे सकती है। हाल ही में उपेंद्र कुशवाहा ने भी जेडीयू को अलविदा कहकर नई पार्टी बनाई है। एक के बाद एक, नेताओं के पार्टी छोड़कर जाने से पार्टी के अंदर बिखराव की पैदा हो गई है।

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