पटना: बिहार में पहली से आठवीं तक के केवल 2 फीसदी बच्चे ही स्कूलों से बाहर रह गए हैं। 98 फीसदी बच्चों का दाखिला स्कूलों में हो चुका है। प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की वार्षिक शैक्षणिक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। फाउंडेशन ने चार वर्षों के बाद सर्वे किया है। इसके पहले 2018 में इसकी रिपोर्ट आई थी। इसमें 6 से 14 वर्ष के बच्चों को लेकर व्यापक सर्वे किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी स्कूलों में भी स्थिति पहले की तुलना में बेहतर हुई है। वर्ष 2018 में सरकारी विद्यालयों में 78.1 फीसदी बच्चों का नामांकन किया गया था, जो 2022 में बढ़कर 82.2 हो गया है। बिहार में विद्यालयों और उसमें पढ़ने वाले बच्चों, दोनों की स्थिति पहले से बेहतर हुई है। कोरोना काल के संकट को झेलने के बावजूद बच्चों ने लगभग हर सेक्टर में पहले की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन किया है।
छात्रों व शिक्षकों की उपस्थिति में 12 फीसदी तक सुधार :
बुधवार को “प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन” द्वारा एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट- ग्रामीण, 2022 (असर) जारी की गयी। इसमें सभी राज्यों के विद्यालयों और वहां पढ़ने वाले 1 से 8 वीं तक के बच्चों की शैक्षणिक स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट हैं। बच्चों और शिक्षकों की स्कूलों में औसत उपस्थिति 12 फीसदी तक सुधार हुआ हैं। इसके साथ ही बिहार के बच्चे गणित और अंग्रेजी दोनों में बेहतर हुए हैं। कई मानकों पर बिहार का प्रदर्शन राष्ट्रीय औसत से भी अच्छा रहा है।
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