बिहार में बिजली दर बढ़ाने को लेकर कंपनी की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका पर आज सुनवाई होगी। बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने सुनवाई के लिए कंपनी व संबंधित पक्षों को नोटिस भेजा है। कहा गया है कि सभी पक्ष जुटकर अपना पक्ष रखें ताकि इसका हल निकाला जा सके। बिजली बिल बढ़ाने को लेकर विभाग और आयोग के बीच बहस चल रही है।
दरअसल, मार्च में आयोग की ओर से दिए गए फैसले को कंपनी ने चुनौती दी है। कंपनी ने कहा है कि आयोग ने अपने फैसले में कई मुद्दों की अनदेखी की है। तकनीकी व व्यवसायिक नुकसान का आकलन अधिक किया गया है, जबकि केंद्र सरकार ने लक्ष्य अलग दिया है।
बिहार सरकार की ओर से मिलने वाले अनुदान की गणना नहीं की गई। इस कारण कंपनी नुकसान के बदले मुनाफे में चली गई। इन तमाम मुद्दों को आधार बनाते हुए कंपनी ने आयोग से बिजली दर बढ़ाने की पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
वहीं, विश्वस्त सूत्रों के अनुसार आयोग के पास अभी कई विकल्प हैं। अगर कंपनी की दलीलों से आयोग संतुष्ट होता है तो वह किस्तों में उपभोक्ताओं से राशि वसूलने का अधिकार दे सकता है।
कंपनी की दलील अगर सही नहीं पाई गई तो उसकी पुनर्विचार याचिका खारिज की जा सकती है, जैसा कि पहले के वर्षों में हो चुका है। वहीं एक विकल्प यह भी है कि आयोग चाहे तो अगले वित्तीय वर्ष में लागू होने वाली बिजली दर में मौजूदा पुनर्विचार याचिका के तथ्यों की गणना कर कोई निर्णय सुनाए।
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