बिहार में कोरोना वायरस की जांच में तेजी आने के साथ ही संक्रमित मामलों की संख्या भी बढऩे लगी है। प्रदेश में कोरोना का पहला मामला 21 मार्च को मिला था। तब तक राज्य के एक मात्र संस्थान राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट में कोरोना की जांच हो रही थी। इसके पहले तक कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजे जा रहे थे।
राज्य में 50 सैंपल के साथ शुरुआती जांच का आंकड़ा आज एक दिन में करीब 800 से 900 सैंपल तक जा पहुंचा है। जैसे-जैसे जांच में तेजी आ रही है, वैसे-वैसे रोज नए मामले भी सामने आने लगे हैं। आंकड़ों की मानें तो 16 अप्रैल तक राज्य में कोरोना पॉजिटिव की जो संख्या 72-83 के बीच थी, वह आज बढ़कर 251 पर जा पहुंची है। सिर्फ पिछले पांच दिनों की बात करें तो राज्य में 20 अप्रैल को 17 रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 21 अप्रैल को 13, 22 अप्रैल को 17, 23 अप्रैल को 27 और 24 अप्रैल को कुल 55 रिपोर्ट पॉजिटिव आईं।
कब से शुरू हुई राज्य में जांच
- सात मार्च से राज्य में शुरू हुई जांच
- सिर्फ आरएमआरआइ में जांच सुविधा
- पहले दिन सिर्फ 50 सैंपल की जांच
- पहले एनआइवी पुणे में हुई थी जांच
- कोरोना पॉजिटिव का पहला केस 21 मार्च को मिला
चार अप्रैल तक तीन संस्थान में जांच
- चार अप्रैल तक राज्य के चार लैब में जांच की सुविधा
- ये लैब हैं आरएमआरआइ, आइजीआइएमएस व डीएमसीएच
- चार अप्रैल तक तीन संस्थानों ने में कुल 2629 जांच
- इस दिन तक राज्य में थे कुल पॉजिटिव 31
16 अप्रैल तक छह संस्थान करने लगे जांच
- इन तीन संस्थान में और शुरू हुई जांच
- पीएमसीएच, एसकेएमसीएस व एम्स पटना
- 16 अप्रैल तक छह संस्थानों ने की कुल 8846 जांच
एक नजर में अब तक जांच
- 7 मार्च को 50 सैंपल के साथ जांच शुरू हुई
- 25 अप्रैल तक छह संस्थानों ने की कुल 16050 सैंपल की जांच
- 21 मार्च को पहला पॉजिटिव, आज तक मिले 251 पॉजिटिव मामले
संस्थान और उनकी जांच क्षमता, दिन में हो रही कुल जांच
- संस्थान क्षमता जांच
- आरएमआरआइ 700-800 600-650
- आइजीआइएमएस 150-175 130-150
- डीएमसीएच 75-80 40-50
- पीएमसीएच 90-100 60-75
- एसकेएमसीएच 40-50 30-40
- एम्स पटना 50 30-40
सैंपल प्राप्त करना और जांच की विधि
- जिला और मेडिकल कॉलेज में बनाए गए सैंपल कलेक्शन सेंटर से सैंपल जांच केंद्र तक लाए जाते हैं।
- हर जिले के लिए जांच लैब कौन होगी यह पूर्व से निर्धारित है
- सैंपल केंद्र में कोड के साथ आते हैं और उसी क्रम में जांच को जाते हैं
- यदि जांच के क्रम में कुछ सैंपल बच गए तो अगले दिन उन्हें सैंपल से जांच की शुरुआत होती है।
Source: jagran
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