जिले की पर्यावरण समिति गठित होने के बाद तीन नगर निकायों में भी इसका गठन कर लिया गया है। मुजफ्फरपुर के अलावा जिन तीन नगर निकाय में समिति बनी है, इसमें कांटी, मोतीपुर व साहेबगंज शामिल हैं। क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत जिले का प्रदूषण स्तर कम करने के लिए पर्यावरण समिति प्रत्येक नगर निकाय में गठित की जानी है।
तीनों नगर निकाय की पर्यावरण समिति में अध्यक्ष डीएम को बनाया गया है। वहीं, नगर निकायों के प्रशासक इसके सचिव बनाए गए हैं। इसके अलावा इस समिति में कृषि, पर्यावरण व परिवहन विभाग के प्रतिनिधि को भी शामिल किया गया है। समिति का गठन क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत किया गया है जिसका उद्देश्य जिले में प्रदूषण के स्तर और खासकर हवा में पीएम 2.5 की मात्रा को कम करना है। इस समिति की नोडल एजेंसी वन एवं पर्यावरण विभाग को बनाया गया है। समिति को प्रदूषण कम करने के लिए एजेंडा दिया जाएगा। एजेंडा निजी एजेंसी के सर्वे के बाद तय किया जा रहा है।
बनेगा पांच साल का कार्यक्रम
पर्यावरण समिति अपने इलाके में कचरा प्रबंधन का काम करेगी। पांच साल के लिए प्लान बनेगा। समिति निर्धारित करेगी कि इलाके में कोई भी नया निर्माण बिना स्थल को ढंके नहीं किया जाए। इसके अलावा नगर क्षेत्र में पेट्रोल व डीजल चालित वाहनों की फिटनेस की जांच करेगी और 15 साल पुराने वाहनों के परिचालन पर रोक लगाएगी। इसके साथ ही बालू, सीमेंट व मिट्टी की ढुलाई ढंककर करने की व्यवस्था बनाई जाएगी। क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत सड़कों पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव होगा। क्षेत्र में धुआं उगलने वाले जेनरेटर पर रोक लगाई जाएगी।
जलस्रोतों को किया जाएगा पुनर्जीवित
क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत शहरी क्षेत्र से लेकर गांव तक पोखर, मन का सौंदर्यीकरण करने व इसके आसपास फलदार पौधे लगाने की योजना है। इस योजना में जलस्रोतों को पुनर्जीवित करना भी शामिल है। प्रोग्राम के तहत पहले से चल रही योजनाओं को क्लीन एयर प्रोग्राम से जोड़ना है और नई योजना के लिए वित्तीय प्रबंधन केंद्र सरकार के सहयोग से किया जाएगा। वन विभाग पौधरोपण से लेकर नदी व पोखर तट के सौंदर्यीकरण की योजना बनाएगा।
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