कुढ़नी से राजद के विधायक अनिल कुमार सहनी के खि’लाफ मामला संज्ञान में आने पर सीबीआई ने ब्रह्मपुरा स्थित आवास पर पहुंच कर छा’पेमारी की थी।
बताया जाता है कि इस दौरान सीबीआई ने कई साक्ष्य जुटाये थे। उस समय अनिल सहनी जदयू से राज्य सभा सांसद थे। मामला प्रकाश में आने के बाद पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया था। हालांकि फिर बाद में उनका निलंबन वापस ले लिया गया था।
विधायकी जाने की चर्चा से हलचल :
अनिल सहनी ने वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के केदार प्रसाद गुप्ता को हराया था। इधर, सोमवार को अनिल सहनी के एलटीसी घोटाले में दोषी करार दिये जाने के बाद पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया। खासकर विधायकी जाने की चर्चा से कुढ़नी की राजनीति गरमा गयी।
चौक-चौराहों पर देर रात तक लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहा। कई राजनीतिक दलों के नेता लगातार एक-दूसरे के संपर्क में थे। वहीं अनिल सहनी के समर्थकों में मायूसी देखी गयी।
पिता भी थे राज्यसभा सांसद :
अनिल सहनी के पिता महेंद्र सहनी लोकसभा का चुनाव लड़ चुके थे। महेंद्र सहनी जदयू से राज्यसभा सांसद थे। राज्य सभा रहते ही उनका निधन हो गया था। इसके बाद पार्टी ने उनके पुत्र अनिल सहनी पर विश्वास जताया था। उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया।
पहला कार्यकाल पूरा होने के बाद दूसरी बार भी जदयू ने अनिल सहनी को राज्यसभा भेजा था। दूसरा कार्यकाल पूरा होने के बाद पार्टी ने आगे मौका नहीं दिया। इससे वे काफी नाराज दिखे। वर्ष 2020 में होने वाले विधान सभा चुनाव से पूर्व उन्होंने जदयू छोड़ राजद की सदस्यता ग्रहण कर ली। पार्टी ने उनपर विश्वास जताते हुए कुढ़नी से राजद का उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की।
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