राज्य के बड़ी संख्या में अंचलाधिकारी (सीओ) अपना प्रदर्शन बेहतर दिखाने के चक्कर में दाखिल-खारिज से जुड़े आवेदनों को बिना कारण बताए धड़ाधड़ रद्द कर रहे हैं। राज्यभर में करीब 20 हजार आवेदनों के अकारण रद्द किये जाने का अनुमान है।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के संज्ञान में जब यह मामला आया तो उसके होश उड़ गये। मामले की जांच कराई तो 200 सीओ अकारण दाखिल-खारिज के आवेदन को रद्द करने के मामले में संदिग्ध पाए गए।
सख्ती बरतते हुए विभाग ने इन सभी 200 सीओ से स्पष्टीकरण मांगा है। इन्हें जवाब देने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया गया है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने हिन्दुस्तान को बताया कि विभाग ऐसे सीओ पर कार्रवाई करने जा रहा है, जिन्होंने बेवजह लोगों के दाखिल-खारिज आवेदन रद्द किये हैं।
जानकारी के मुताबिक जांच के दायरे में आये 200 सीओ में से कुछ ने अपना जवाब भी विभाग को भेज दिया है, जबकि कुछ के आने बाकी हैं। विभाग एक-एक सीओ के स्पष्टीकरण की समीक्षा करेगा। फिर जिनके जवाब संतोषजनक नहीं होंगे उनपर आगे की कार्रवाई की प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी। इन सभी अंचलाधिकारियों पर अब निलंबन की भी तलवार लटकने लगी है। हालांकि निलंबन समेत विभागीय कार्यवाही के संचालन के पहले अपना पक्ष रखने का मौका देगा।
जानकारी के मुताबिक जांच रिपोर्ट के आधार पर दो दर्जन से अधिक अंचलाधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है। पिछले दो-तीन महीने के दौरान जिन-जिन अंचलों के सीओ ने बिना किसी ठोस कारण मुख्य रूप से दाखिल-खारिज समेत अन्य जमीन संबंधित आवेदनों को रद्द किया है, उन सभी से सिलसिलेवार स्पष्टीकरण पूछा गया है। पिछले 15 दिनों में आवेदन रद्द किए जाने के काफी मामले सामने आये। इस दौरान 100 सीओ से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
विभागीय मंत्री का बयान
मुख्यमंत्री के आदेश पर अंचलों की जांच का सिलसिला जारी है। जिन अंचलों से शिकायतें आ रही हैं, वहां के सीओ से स्पष्टीकरण पूछा जा रहा है और इनमें दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई भी होगी। अगस्त के पहले सप्ताह में पूरे मामले की समीक्षा की जायेगी और इसके बाद कार्रवाई शुरू होगी।
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