लॉकडाउन में आर्थिक तंगी से गुजर रहे मजदूर ने गुरुवार दोपहर को झुग्गी में फंदे से लटक कर खु’दकुशी कर ली। काम नहीं होने के कारण उसके पास पैसे नहीं थे। पत्नी और चार बच्चों को वह क्या खिलाएगा, यह सोच-सोचकर परेशान चल रहा था। सेक्टर-53 थाना पुलिस ने शव का पोस्टमार्ट’म करने के बाद परिजनों को सौंप दिया। पुलिस को कोई सुसाइ’ड नोट नहीं मिला है।
पुलिस के मुताबिक 30 वर्षीय मुकेश बिहार के गया जिले के बारा गांव का रहने वाला था। सेक्टर-53 में बनी झुग्गियों में परिवार के साथ रहता था। वह सफेदी का काम करता था। मृत’क की पत्नी पूनम ने बताया काम नहीं होने के कारण उनके पास रुपये नहीं थे। इसी कारण वह कारण काफी परेशान रहता था।
फोन बेचकर लाया था राशन
पूनम ने बताया कि गुरुवार को मुकेश में ढाई हजार में अपना फोन बेचा था। उन रुपये से वह खाने की आटा, दाल सहित राशन लेकर आया था। इसके अलावा गर्मी से बचने के लिए पंखा भी लेकर आया। 400 रुपये पत्नी को दिए थे। उसके बाद वह झुग्गी में जाकर लेट गया। उसके दो लड़के और दो लड़कियां बाहर खेल रही थीं, जबकि पत्नी पूनम पास में ही रहने वाले पिता के पास गई थी। ऐसे में गुरुवार दोपहर को झुग्गी में फंदा लगाकर आत्मह’त्या कर ली।
रुपये जुटाकर दाह संस्कार
मुकेश ससुर उमेश का पैर टूटा हुआ है। वह चल फिर नहीं पा रहा है। उन्होंने बताया कि मुकेश कई दुकानों से राशन का सामान उधार लेकर आता था और रुपये आने पर चुकाता था। अब दुकानदार भी उधार सामान नहीं दे रहा था। परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। उन्होंने बताया दाह संस्कार के लिए भी रुपये नहीं थे। झुग्गियों मे रहने वालों ने रुपये एकत्रित किए और उसके बाद दाह संस्कार किया।
Source: Hindustan
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