बिहार के उद्योग जगत के लिए अच्छी खबर है। राज्य को एमएसएमई सेक्टर में देश में दूसरा स्थान मिला है। 30 जून को दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार को सम्मानित करेंगे। यह जानकारी उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने दी।
उन्होंने बताया कि राज्य और संघ शासित प्रदेशों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर के प्रोत्साहन और विकास के लिए किये गये कार्यों की कैटेगरी में बिहार को नेशनल एमएसएमई अवार्ड मिला है। ओडिशा के बाद बिहार को दूसरा और हरियाणा को तीसरा स्थान प्रातप्त हुआ है।
उद्योग मंत्री ने कहा
उद्योग मंत्री ने कहा कि औद्योगिकीकरण की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहे बिहार के लिए यह बहुत बड़ा प्रोत्साहन है। बिहार के औद्योगिकीकरण का पूरा दारोमदार एमएसएमई सेक्टर पर है। बिहार में पिछले डेढ़ साल में करीब 36 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए हैं। इनमें से अधिकतर एमएसएमई सेक्टर में हैं। इस अवधि में सूबे में छोटे-बड़े उद्योगों की स्थापना और उद्योगों के विकास के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इस क्रम में मुख्यमंत्री उद्यम योजनाओं के लिए 16 हजार लाभार्थियों का चयन किया गया, जिन्हें 10-10 लाख रुपए दिए गए।
सिर्फ एससी-एसटी के लिए शुरू हुई थी योजना
वर्ष 2018 में यह योजना सिर्फ एससी-एसटी के लिए थी। लेकिन, इसकी सफलता के कारण 2021-22 में इसे विस्तार दिया गया और इसमें पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग, युवा व महिलाओं को भी इसमें शामिल किया गया। आज यह हर जिले में सफलता के साथ कार्यान्वित हो रही है। अबतक 4 हजार से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम दर्जे की औद्योगिक इकाइयों ने कॉमर्शियल उत्पादन शुरू कर दिया है। इनमें 20 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है। आगे की चयनित योजनाओं में 1 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
एमएसएमई को 25 प्रतिशत आरक्षण
शाहनवाज हुसैन ने बताया कि बिहार में एमएसएमई को प्रोत्साहित करने के लिए बियाडा द्वारा दी जाने वाली जमीन में 25 प्रतिशत का आरक्षण एमएसएमई के लिए किया गया है। इसके बजट में भी 2019-20 की तुलना में 2021-22 में 171.67 फीसदी की बढ़ोतरी की गयी है।
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