बिहार : राज्य के सभी निबंधित कारखानों में काम करने वाले कामगारों के स्वास्थ्य की नि:शुल्क जांच की जाएगी। विशेषकर 45 वर्ष से अधिक उम्र वाले कामगारों की स्वास्थ्य जांच अनिवार्य रूप से की जाएगी ताकि बी’मार होने की स्थिति में सरकार के स्तर पर वैसे कामगारों का उपचार कराया जा सके। श्रम संसाधन विभाग का यह आदेश अमल में आ गया है।
अधिकारियों के अनुसार राज्य में 8479 निबंधित कारखाने हैं, जिसमें दो लाख 31 हजार 119 कामगार हैं। इन कामगारों के स्वास्थ्य जांच की अभी कोई व्यवस्था नहीं है। इस कारण गाहे-बगाहे राज्य के किसी न किस कारखाना में काम करने वाले कामगारों की मौ’त होते रहती है। जबकि सरकार की कई ऐसी योजनाएं हैं जिसका लाभ कामगारों को मिलना है। अगर समय रहते बी’मारी की जानकारी मिल जाए तो सरकार के स्तर पर उसका उपचार करा कामगारों की जान को बचाया जा सकता है।
इसी उद्देश्य से सरकार ने तय किया है कि हर निबंधित कारखाने में काम करने वाले कामगारों में जिनकी उम्र 45 वर्ष से अधिक है, उनकी वार्षिक स्वास्थ्य जांच हो। साल में एक बार होने वाली यह जांच कैलेंडर वर्ष शुरू होने के 120 दिनों के भीतर नि:शुल्क करानी अनिवार्य होगी। विभाग ने कहा है कि कारखाना, भवन निर्माण या निर्माण से जुड़े कामगारों पर यह नियम लागू होगा। कामगारों की चिकित्सीय जांच मेडिकल प्रैक्टिशनर फॉर्म पांच में दिए गए ब्योरे के अनुसार कराई जाएगी। योग्यता प्राप्त मेडिकल प्रैक्टिशनर द्वारा संबंधित नियोक्ता और कर्मचारी को चिकित्सा प्रमाण पत्र भेजा जाएगा।
किसी प्रतिष्ठान में कोई भी कर्मचारी तब तक नियुक्त नहीं किया जाएगा, जब तक उसे इस नियम के साथ संलग्न विहित प्रपत्र में नियुक्ति पत्र जारी न कर दिया जाए। स्वास्थ्य जांच से पहले दैनिक वेतन कामगार को छोड़कर सभी श्रमिकों के लिए पहचान पत्र भी अनिवार्य रहेगा। इस पहचान पत्र में स्थापना का पंजीकरण संख्या व नाम, कर्मचारी व पिता का नाम और पता-रोजगार की प्रकृति और वैद्यता होगी। पहचान पत्र पर नियोक्ताओं का अनिवार्य रूप से हस्ताक्षर रहेगा।
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