बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा बाबा साहेब अंबेदकर की मौ’त को लेकर एक सनसनी’खेज बया’न दिया है। मांझी ने कहा कि बाबा साहब की मृ’त्यु स्वाभाविक नहीं थी। उनकी मृ’त्यु कहीं-न-कहीं सा’जिश के तहत हुई।
मोतिहारी में मांझी ने कहा कि बाबा साहेब चाहते थे कि दलितों को उनका अधिकार मिले। पूर्व मुख्यमंत्री मोतिहारी में एससी/एसटी कर्मचारी संघ के केसरिया प्रखण्ड कार्यालय परिसर में आयोजित संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ० भीमराव अंबेडकर की 131 वीं जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हम देश के मूल निवासी हैं लेकिन बाहर के लोग आकर हम पर शासन कर रहे हैं। जिस दिन हमारे समाज के युवा इस चीज को समझ जाएंगे उसी दिन हमारी सरकार होगी। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था पर चो’ट करते हुए कहा कि राज्य में सरकारी विद्यालयों की क्या स्थिति है सब को पता है। मांझी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का मैं समर्थन नहीं करता परंतु उन्होंने दिल्ली में जो शिक्षा प्रणाली लागू की है वह बेहतर है। इसी के कारण आज दिल्ली में निजी विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे सरकारी विद्यालयों की ओर रुख कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अभी हमें आर्थिक और सामाजिक आजादी नहीं मिली है। इसके लिए हमें डबल मतदाता अधिकार, समान शिक्षा, न्यायपालिका और निजी क्षेत्र में आरक्षण सहित अन्य मूल अधिकारों के लिए आवाज उठाना होगा। इससे पूर्व प्रखण्ड कार्यालय परिसर में स्थापित बाबा साहेब की प्रतिमा पर मांझी ने माल्यार्पण कर नमन किया।
केसरिया विधानसभा से राजद के पूर्व विधायक डॉ राजेश कुमार ने केसरिया बौद्ध स्तूप के रुके हुए विकास की चर्चा की और पूर्वी चम्पारण के मंत्रियों पर निशाना साधते हुए बोले कि 12 करोड़ रुपए की लागत से केसरिया बौद्ध स्तूप का विकास होना था लेकिन मंत्री के कारण नहीं हो पाया है।
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