मुजफ्फरपुर शहर के निचले इलाके में बिना प्लानिंग के मोहल्ले बस गए हैं। मकान बनाने के समय गृह स्वामी ने नाले के लिए न जगह छोड़ी और ना ही नगर निगम प्रशासन की ओर से इसके लिए कोई व्यवस्था ही की गई। अब शहर के तीन इलाकों के 10 मोहल्ले तालाब बन जा रहे हैं।
पिछले साल घुटनेभर जलजमाव झे’लने वाले लोग अब सामने फिर से बरसात आता देख चिं’तित हैं। स्थिति यह है कि बीते साल जलजमाव के समय कई मोहल्लों में नाव से लोग अपने घरों तक पहुंचते थे। इन मोहल्लों से जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण तीन माह तक लोग बद’तर जिंदगी गुजा’रने को मज’बूर हैं।मिली जानकारी के मुताबिक, शहर के फैज कॉलोनी, सर सैयद कॉलोनी, बीबीगंज, बेला शक्ति नगर, बैंकर्स कॉलोनी, मिठनपुरा कुर्मी टोला, नंद बिहार कॉलोनी, बेला आश्रम के पीछे मोहल्ला, मिठनपुरा न्यू कॉलोनी और शारदा नगर में जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। ये सभी मोहल्ले शहर विस्तारीकरण में नये बसावट वाले हैं। इन मोहल्लों से इस साल भी जलनिकासी के लिए आउटलेट नालों का निर्माण नहीं हो पाया है। कई मोहल्लों का पानी यहां आकर रुक जा रहा है।पिछले साल के जलजमाव के बाद नगर निगम ने पंप सेट चलवाकर पानी निकासी की थी। इस साल भी पंप ही सहारा बनेगा। लेकिन, वाटर पंप से पानी निकलने में कई-कई दिन लग जा रहे हैं। इस दौरान लोग जलजमाव के बीच घिरे रहते हैं। दर्जनों घरों के अंदर पानी घुसता है। बाथरूम, किचेन और बेडरूम तक में पानी रहता है। लंबे समय तक पानी के बीच जिंदगी गुजारने के कारण बड़े पैमाने पर इन’फेक्शन से जलज’नित च’र्म रो’ग के भी लोग शि’कार होते हैं।
नये बसावट वाले इन मोहल्लों में बड़े पैमाने पर ग्रामीण इलाके के लोग जमीन खरीदकर घर बनाये हैं। ये लोग गांव से शहर में बच्चों की पढ़ाई के सिलसिले में पहुंचे और घर बनवाकर रह रहे हैं। सर सैयद कॉलोनी और फैज कॉलोनी में ज्यादातर विदेश में रहने वाले लोगों का परिवार है।जलज’माव से घि’रे मोहल्लों में बरसात के समय बड़े पैमाने पर घर खाली कर ऊंचे स्थान पर किराये का मकान लेकर लोग पलायन भी करते हैं। ऐसी स्थिति में रात में नाव से पहुंचने वाले चो’र चो’री की वा’रदात को अंजा’म देते हैं। जलज’माव के कारण पुलिस भी नहीं पहुंचती है। पिछले साल जलजमाव वाले मोहल्लों में दो दर्जन से अधिक चो’री की घट’नाएं हुई थीं।कुछ मोहल्लों से जल निकासी के लिए इस साल जमीन की तला’श है। मोहल्लों के लोगों से ही इंस्पेक्टर नाला के लिए जमीन देने की मांग कर रहे हैं। स्थानीय स्तर पर सामंजन हो जाने के बाद कच्चा नाला बनाकर इस साल पानी निकासी की व्यवस्था करने की योजना बनाई गई हैं।
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