राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि बिहार दिवस कार्यक्रम में जो बच्चे बी’मार हुए, वे राज्य सरकार के अतिथि थे। उनके माता-पिता ने सरकार पर भरोसा कर अपने बच्चों को पटना भेजा था। ऐसे में सरकार को उन बच्चों के अभिभावकों से माफ़ी मांगनी चाहिए।
शिवानंद तिवारी ने कहा है कि समारोह में शोभा बढ़ाने के लिए राजधानी पटना के बाहर से स्कूली छात्रों को भी बुलवाया गया था। उनमें से कई बच्चे बीमा’र हो गये। कई बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल में भ’र्ती कराना पड़ा।
बच्चों के टेंट की जो तस्वीर अखबारों में छपी है, उसको देख कर लगता है के लावारिस बच्चों को दरी बिछाकर लेटा दिया गया है। दुर्भा’ग्य है कि सोलह वर्षों के शासन में साल में एक मर्तबा होने वाला बिहार दिवस कुशलतापूर्वक संपन्न हो जाए, ऐसा शासन तंत्र सीएम नीतीश कुमार विकसित नहीं कर पाए हैं।
उन्होंने कहा कि मामला सिर्फ बिहार दिवस का नहीं है। बिहार के प्रशासन में काम करने की संस्कृति बन ही नहीं पाई। जो कुछ भी था, पिछले सोलह वर्षों में वह समाप्त हो गया। सरकार को चिट्ठी लिखिए, जवाब नहीं मिलता है। बहुत कम पदाधिकारी हैं जो फोन उठाते हैं।
साधारण काम के लिए दफ्तरों का चक्कर लगाते लगाते लोग हता’श होकर बैठ जाते हैं। हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं होता है। आदेश का अनुपालन कराने के लिए लोग विधायक और मंत्री के यहां दौड़ते रहते हैं।
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