रूस यूक्रेन यु’द्ध की विभीषिका से विश्व को बचाने के लिए बिहार में पूजा अर्चना शुरू हो गयी है। बोधगया के तिब्बत बौद्ध मंदिर में तिब्बती के लोसर पर्व संपन्न हुआ। तिब्बती बौद्ध लामाओं ने तिब्बती मंदिर में विशेष अनुष्ठान किया। विशेष अनुष्ठान में विश्वशांति और रूस व यूक्रेन के बीच चल रहे यु’द्ध रुकने की प्रार्थना की।
मंदिर में विधि विधान के साथ धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किया गया। तिब्बत बौद्ध मठ में धर्म गुरु दलाई लामा के आसन के समक्ष धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किया। तिब्बती बौद्ध लामाओं ने सभी की खुशहाली और समृद्धि व विश्वशान्ति के लिए सूत्त पाठ किया।तिब्बती मंदिर के लामा आमजे ने बताया कि वर्तमान समय मे रूस और यूक्रेन यु’द्ध पूरी दुनियां के लिए चिं’ता का विषय बनी है। यह यु’द्ध ए’टम ब’म के इस्तेमाल तक गया तो समस्त मानव जीवन खत’रे में पड़ जायेगा। ऐसे ही पूरी दुनियां कोरोना से जू’झ रही है।
पूरी दुनिया में अशां’ति का मा’हौल बनता जा रहा है। जो समस्त जीवों के लिए खत’रा है। यु’द्धग्रस्त दोनों देशों के अलावे पूरी दुनिया में शांति कायम हो इसकी प्रार्थना की गई। उन्होंने कहा भगवान बुद्ध के संदेशों से दुनिया में अमन, शांति आएगी। इसी को लेकर बुद्ध की विशेष पूजा करने के बाद बोधि पेड़ के नीचे पूजा की गई। इसके बाद पृथ्वी के सभी जीवों के कल्याण एवं मंगलकामना के लिए भगवान बुद्ध से आशीष मांगा।लोसर के जश्न में डूबे रहे तिब्बती श्रद्धालु लोसर पर्व के साथ ही तिब्बती कैलेंडर के अनुसार, नए साल का शुभारंभ हुआ। कैलेंडर के मुताबिक, 2148 वां वर्ष है।शनिवार को विशेष पूजा के साथ पर्व संपन्न हुआ। तिब्बत की सांस्कृतिक विरासत अनोखी है। उनका परंपरा धर्म के प्रति अगाध आस्था आए रीति रिवाज विशिष्ट हैं। तिब्बती समुदाय के लोग अपना नया साल लोसर पर्व धूमधाम से मनाते हैं।
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