बिहार में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को ध्यान में रखते हुए नीतीश सरकार ने बिहार में कई पाबन्दियां लागू कर दी हैं। जिससे व्यापार पर संकट आ गया हैं, जानकारी के अनुसार, बीबी कॉलेजिएट परिसर में आयोजित दस दिवसीय खादी मेला सह प्रदर्शन सिर्फ तीन दिनों में बंद हो गया।कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर बुधवार की शाम से मेला बंद कर दिया गया हैं। मेला बंद होने से बुनकरों व दुकान लगाने वाले लोग बड़ी संकट में आ गए हैं। मेला के लिए महिनों से कपड़े तैयार करने वाले बुनकरों द्वारा बताया गया कि हमलोगों की पूंजी फंस गई हैं। दो साल से कोरोना महामारी के कारण हमलोगों की आर्थिक स्थिति चौपट हो चुकी है। मेला बंद होने से हमलोग अपने परिवार के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। अलग-अलग क्षेत्र से आए बुनकरों ने बताया कि इस मेले से हमलोगों को काफी उम्मीदें थी।
मुजफ्फरपुर खादी का बड़ा बाजार है। दो दिन ही व्यवसाय करने का मौका मिला। सामान ढुलाई में बीस हजार रुपये खर्च हो गया। मेला बंद होने से पूंजी के साथ उम्मीदें टूट गई है। मेला महज तीन दिनों में बंद होने से सभी कारीगरों की पूंजी फंस गई हैं। खबरों के अनुसार, मोतीझील में आयोजित खादी मेला में तीन दिनों में 42 लाख रुपये की बिक्री हुई है। शहरवासियों में खादी के प्रति क्रेज देखकर स्टॉल संचालक उत्साहित थे। अंतिम दिन कपड़ा, तेल, अचार, लीची जूस व सुजनी कला के स्टॉल पर लोगों का तांता लगा रहा।
जिला खादी व ग्रामोद्योग संघ के सचिव ने बताया कि तीन दिनों में उत्साह जनक बिक्री हुई है। दस तीनों में लक्ष्य दो करोड़ रुपये से दोगुना बिक्री होने की संभावना थी। लेकिन कोरोना के मामले बढ़ने से लगाई पाबंदियों के कारण सभी कारीगरों की कमाई रुक-सी गई हैं।
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