नई दिल्ली। देशभर में एक बार फिर कोरोना का कहर देखने को मिल रहा है। देश में कोरोना की दूसरी लहर ने सबको परेशानी में डाल दिया है। भारत ने पिछले 24 घंटों में 43,846 नए कोरोनो वायरस संक्रमण दर्ज किए गए हैं। लगभग चार महीनों बाद कोरोना के ये सर्वाधिक कोरोना मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए पंजाब, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों में कड़े कदम उठाए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी है। य़ही उन्होंने कोरोना मामलों की बढ़ती संख्या के लिए लोगों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहा है कि लोग वैक्सीन आने के बाद लापरवाही कर रहे हैं। जिसके कारण मामले में बढ़ोत्तरी हो रही है। कोरोना की दूसरी लहर को देखते हम आपको बताने वाले हैं कि आप क्या करें और क्या ना करें।
ये करें
- व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें। कम से कम 20 सेकंड के लिए अपने हाथों को साबुन से नियमित रूप से धोएं।
- बाहर होने पर, एंटी-बैक्टीरियल हैंड सैनिटाइजर ले जाएं और नियमित रूप से लगाएं।
- अपने घरों से बाहर निकलते समय हमेशा एक फेस मास्क पहनें।
- खांसते या छींकते समय हमेशा अपने मुंह को टिश्यू या रूमाल से ढकें। यदि आपके पास रूमाल नहीं है, तो कोहनी की अपनी आस्तीन में खांसी या छींक सकते हैं।
- जब बाहर हो मास्क के अंदर ही खांसें या छींकें। खांसते या छींकते समय मास्क न उतारें।
- उपयोग के तुरंत बाद टिश्यू पेपर को बंद डिब्बे में फेंक दें।
- पीपीई किट, फेस मास्क और दस्ताने सहित सुरक्षात्मक वस्तुओं के प्रभावी निपटान को सुनिश्चित करें।
- सार्वजनिक स्थलों पर हमेशा दूसरों के साथ 6 फीट की दूरी बनाए रखें।
- हो सके तो घर से ही काम करें।
- यदि आप अस्वस्थ महसूस करते हैं तो घर पर रहें। यदि आपको बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई हो, तो चिकित्सा देखभाल लें।
ये ना करें
- जितना संभव हो अपने चेहरे, विशेष रूप से अपनी आँखें, नाक और मुंह को छूने से बचें।
- भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें और जितना हो सके लोगों से नज़दीकी संपर्क ना करें।
- मॉल, जिम, रेस्तरां और पब जाने से बचें, जहां सामाजिक दूरी बनाए रखना मुश्किल है।
- अनावश्यक यात्रा से बचें।
- सार्वजनिक रूप से थूकें नहीं।
- कोरोना संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग की जा रही वस्तुओं को घर के अन्य सदस्य काम में ना लें। बेहतर होगा कि पेशंट की तौलिया, उसके कपड़े, बर्तन और बाथरूम सब अलग हो।
ऑफिस के लिए गाइडलाइन
- सभी विभागों के हेड (एचओडी) को ये सुनिश्चित करना होगा कि प्रतिदिन ग्रुप B और C के 50 प्रतिशत कर्मचारी ऑफिस आएं और बाकी के 50 प्रतिशत कर्मचारियों को घर से काम करने के निर्देश दिए जाएं। सभी एचओडी को ग्रप B और C स्टाफ की ड्यूटी के लिए सप्ताह के हिसाब से रोस्टर बनाना होगा और उन्हें (कर्मियों) ये कहना होगा कि वह हफ्ते में बारी-बारी से दफ्तर आएं। पहले हफ्ते के रोस्टर में उन कर्मचारियों को शामिल करने की सलाह दी जाती है, जिनका घर दफ्तर के पास है और खुद का वाहन है।
- सलाह दी जाती है कि कर्मचारियों के तीन ग्रुप बनाएं और इस समय दफ्तर आने को कहें-
- सुबह 9 से शाम 5.30
- सुबह 9.30 से शाम 6
- सुबह 10 से शाम 6.30
- जो कर्मचारी घर से काम करेंगे वह हर समय फोन और इलेक्ट्रोनिक डिवाइस पर उपलब्ध रहें। अगर दफ्तर आने को कहा जाए तो आएं।
- ऐसे ही निर्देश संलग्न/अधीनस्थ कार्यालय, स्वायत्त/ वैधानिक निकाय के लिए भी जारी किए जा सकते हैं।
- वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) और सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) वित्तीय संस्थानों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को लेकर भी समान निर्देश जारी कर सकता है।
- ये निर्देश उन कर्मचारियों और दफ्तरों पर लागू नहीं होंगे, जो कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने वाली या फिर आवश्यक/आपातकालीन सेवाओं से जुड़े हुए हैं।
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