MUZAFFARPUR (ARUN KUMAR) : कोरो’ना संक्र’मण काल में जहां पर पूरा देश 90 दिन के आसपास में पूरी तरह से लॉ’क डाउन रहा वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट शिक्षण संस्थान पूरी तरह से बेल’गाम होते हुए दिखाई दे रहे हैं. मामला जिले के प्रतिष्ठित जीडी मदर इंटरनेशनल स्कूल का हैं, जहाँ अनुर’क्षण प्रभा’र (मेंटे’नेंस चा’र्ज) के नाम पर पांच हजार रुपया जमा करने हेतु स्कूल की तरफ से नो’टिस मिलने पर परे’शान अभि’भावकों ने स्कूल प्रशासन से फीस मा’फ करने की गु’हार लगाई है. वहीं इनकी सम’स्या न सुनने पर कुछ अभिभा’वकों ने ध’रना-प्रद’र्शन करने, जिलाधिकारी से मिलकर अपनी बात रखने की बात की है. कुछ तो यहां तक आम’दा है कि अगर इससे भी बात नहीं बनती तो हम सब को’र्ट का दरवा’जा खटख’टाएंगे और अपनी सम’स्याओं से रूबरू कराएंगे.
गुरुवार को सूचना मिलने पर बच्चों के अभिभा’वक जीडी मदर इंटरनेशनल स्कूल पहुंचे और वाईस प्रिंसिपल मनोज कुमार वर्मा से मिलकर वार्षिक शु’ल्क मा’फ़ करने की मां’ग की. दर्जनों की संख्या में पहुंचे अभिभा’वकों ने बताया की स्कूल प्रबंधन का कहना है कि शु’ल्क जमा नहीं करने की स्थिति में 9वीं और दसवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं का रजि’स्ट्रेशन नहीं किया जायेगा.
वहीं वाईस प्रिंसिपल मनोज कुमार वर्मा ने बताया की कोरो’ना काल में विद्यालय बं’द रहने पर भी कक्षा के रख-रखाव, ऑनलाइन शिक्षा, शिक्षक-शिक्षिकाओं के तन’ख्वाह, चालक, गा’र्ड और अन्य मद में खर्च किये जा रहे हैं. जिसके वहन के लिए वर्ष में दो बार कक्षा के आधार पर 2000 से 2500 रूपए लिए जाते हैं. अगर सरकार या सीबीएससी बोर्ड इस सम्बन्ध में कोई गाइ’डलाइन जारी कर देती है तो स्कूल प्रबंधन कोई शु’ल्क नहीं लेगा. अभिभा’वकों को आ’श्वासन दिया गया है की शुल्क मा’फ़ी की मांगों पर प्रबंधन द्वारा वि’चार किया जायेगा.
पूर्वी चम्पारण के तेतरिया पंचायत के प्रमुख विनोद कुमार यादव, संजय कुमार केजरीवाल, आर बी शाही, कांग्रेस नेता ओमप्रकाश झा, अनिल कुमार सिंह, प्रभात कुमार समेत दर्जनों की संख्या में पहुंचे अभिभा’वकों ने बताया की कोरो’ना काल के दौरान मासिक शुल्क में 400 रुपयों की वृद्धि कर दी गई, इसके बाद मेंटे’नेंस चा’र्ज के नाम पर अभिभावकों को लू’टा जा रहा है.
जब स्कूल बं’द है हमारे बच्चे स्कूल आ ही नहीं रहे तो मेंटे’नेंस चा’र्ज क्यों दें? जब स्कूलों में अध्ययन कार्य हुआ ही नहीं तो फिर अभिभा’वक मेंटे’नेंस चा’र्ज के नाम पर मांगी जा रही राशि क्यों दें? अभिभा’वकों ने स्कूल प्रबंधन से मेंटेनेंस चार्ज के नाम पर मांगी जा रही अवैध राशि को माफ़ करने अन्यथा स्कूल प्रबंधन के मनमाने रवै’ये के खि’लाफ विद्यालय के समक्ष धर’ना प्रद’र्शन करने की बात कही है.
स्कूल प्रबंधन ने वार्षिक और मा’सिक शु’ल्क में बेत’हाशा वृ’द्धि कर दी है. इस कठि’न दौर में निजी स्कूलों ने यह सा’बित कर दिया है कि शिक्षा देने की प्रक्रि’या, मात्र एक व्यवसाय बन कर रह गई है. स्कूल व्यवस्था का निजीक’रण घा’तक सा’बित हुआ है. लॉ’क डाउन में सभी के धं’धे-व्यापार ठ’प हो गए. ऐसे में निजी स्कूलों को तत्प’रता दिखाते हुऐ फीस मा’फ करना चाहिए अथवा फीस में कटौ’ती करनी चाहिए. शिक्षा का पवित्र मंदिर व्यापार का केेंद्र नहीं होना चाहिए.
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