दिल्ली में मानवता को शर्मसार कर देने वाली घ’टना सामने आई है। एक बेटे ने अपने 85 वर्षीय उस बुजुर्ग पिता के साथ मा’रपीट कर घर से निकाल दिया है। जिसने कभी अपने बच्चों की पढ़ाई और गाड़ी दि’लाने के लिए अपनी पैतृक जमीन और घर तक बेच दिया था। बच्चों की इस हैवानियत के बाद अब वह बुजुर्ग दिल्ली की सर्द रातों में सड़क पर सोने को मजबूर है। घट’ना तिलक नगर थाना क्षेत्र की है। जहां बुजुर्ग ने पु’लिस से मदद की गुहार लगाई, लेकिन मदद न मिलने पर सड़’क पर ही रातें काटने को मजबूर होकर रहने लगा।
क्या है मामला
तिलक नगर के शाम नगर स्थित मकान संख्या ए-9 में 85 साल के बाबू सिंह रहते हैं। उन्होंने यहां एक प्रॉ’पर्टी खरीदी थी और तीन मंजिला इमारत खड़ी की। बाबू सिंह के परि’वार में तीन बेटे और तीन बेटियां हैं। उनकी पत्नी की करीब 6 साल पहले मौत हो गई। तीनों बेटियों की शादी हो गई है। एक बेटा आंखों से देख नहीं सक’ता। एक बेटा अपने परिवार के साथ अलग रहता है। जबकि एक बेटा सुरेन्द्र सिंह पिछले 22 सालों से इंग्लैंड में रह रहा था। लेकिन कुछ माह पहले सुरेन्द्र सिंह भारत आ गया और अपने पिता के साथ उस’के घर में रहने लगा।
सुरेन्द्र सिंह भारत आने के बाद से ही अपने पिता बाबू सिंह के साथ अभद्र व्यव’हार करने लगा था। जबरन उसने बाबू सिंह की प्रॉपर्टी पर साइन कर’वाकर कब्जे में ले लिया और उनके साथ मा’रपीट कर घर से निकाल दिया। पीड़ित का आरोप है कि बंगला साहिब गुरु’द्वारे के पास उसकी दुकान भी थी। जिस पर उसके बेटे सुरेन्द्र, बेटी शान कौर और बेटी के बेटे गुरमीत सिंह ने घरेलू सहा’यिका कुसुम के साथ मिलकर कब्जे में लेकर ताला लगा दिया। जि’ससे उनका घर और रोजी रोटी दोनों की उनके बच्चों ने छीन लिया।
बच्चों के लिए बेची थी पैतृक जमीन
पीड़ित बुजुर्ग बाबू सिंह ने ब’ताया कि उसने अपने बच्चों की पढ़ाई व सुरेन्द्र सिंह को नौ’करी के लिए इंग्लैंड भेजने और एक बेटे को गाड़ी दिला’ने के लिए अपना पैतृक घर और जमीन बेच दी थी। लेकिन आज उन्हें ब’च्चों ने उन्हें सड़क पर छोड़ दिया है। अब हालत यह है कि उक्त बुजुर्ग ठिठुरती ठंड में घर के बाहर खुले आसमा’न के नीचे सोने को मजूबर है। बुजुर्ग की दयनीय स्थिति को देख’कर पड़ो’सियों का दिल पसीज जाता है, तो वे उसे खाना दे देते हैं, लेकिन बेटा है कि उसे अपने बाप पर तर’स तक नहीं आता।
पुलिस ने भी नहीं की मद’द
बुजुर्ग मदद की आस लेकर तिल’क नगर थाने गया था। जहां उसने पुलिस’कर्मियों से अपने बेटे से अपना घर दिलाने की गुहार लगाई। लेकिन पुलिसक’र्मियों ने उनकी कोई मदद नहीं की। पीड़ित बुजुर्ग थाने में अपनी शिका’यत देकर लौट गए और फिर सड़क पर ही अपना आसरा बना लिया।
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