19 अप्रैल से प्रत्येक बुधवार को जिले के आधे पंचायतों के एक-एक टोले में शिविर लगेगा. प्रत्येक शनिवार को जिले के आधे पंचायतों के एक-एक टोले में शिविर लगेगा. शिविर का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को 22 योजनाओं का लाभ पहुंचाना है.

सभी टोलों को शत प्रतिशत आच्छादित करना है. यह शिविर अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है.

शिविर में सभी विभागों के काउंटर होंगे, जहां छूटे हुए लाभार्थियों के आवेदनों का तुरंत निपटारा किया जायेगा. शिविर से तीन दिन पहले विकास मित्र द्वारा टोले के सभी अनुसूचित जाति और जनजाति परिवारों को आमंत्रित किया जायेगा. प्रत्येक शिविर में सरकारी योजनाओं से लाभान्वित व्यक्ति अपनी सफलता की कहानी सुनाएंगे.

प्रखंड स्तर पर, प्रखंड के नामित वरिष्ठ अधिकारी और प्रखंड विकास अधिकारी शिविरों की निगरानी करेंगे. जिला स्तर पर उप विकास आयुक्त, डीआरडीए डायरेक्टर, अनुमंडल पदाधिकारी, जिला कल्याण पदाधिकारी को प्रभावी मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया गया है.


कुल 373 पंचायत के लिए 373 पंचायत टीम का गठन किया गया है जिसमें पंचायत सचिव, विकास मित्र, राजस्व कर्मचारी, टोला सेवक, आवास सहायक, पंचायत रोजगार सेवक, किसान सलाहकार,सीएम जीविका, आशा कार्यकर्ता, ममता कार्यकर्ता, एएनएम, सामुदायिक सेवा केंद्र ऑपरेटर, गैस वेंडर, नल जल पंप ऑपरेटर, पंचायत तकनीकी सहायक, आंगनवाड़ी सेविका, स्वच्छता पर्यवेक्षक, प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक, लाइनमैन, कस्टमर सर्विस प्वाइंट सहायक एवं डाटा एंट्री ऑपरेटर शामिल हैं.


शिविर की मॉनिटरिंग के लिए प्रत्येक शिविर के लिए एक-एक शिविर प्रभारी बनाए गए हैं. शिविर के आयोजन की जिम्मेदारी संबंधित पंचायत के विकास मित्र एवं पंचायत सचिव को दी गई है.
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